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जो कोई भी बुरा काम करता है, उसे उसके बुरा कामों का नतीजा इसी जन्म में भुगतना पड़ता है.
जो कोई भी बुरा काम करता है, उसे उसके बुरा कामों का नतीजा इसी जन्म में भुगतना पड़ता है. ये बात अफगानिस्तान (Afghanistan) के तालिबान (Taliban) आतंकवादियों (Terrorist) पर बिल्कुल सटीक बैठती है. दरअसल, अफगानिस्तान में एक मस्जिद (Mosque) के भीतर तालिबानी आतंकी बम बनाने की ट्रेनिंग ले रहे थे. इसी दौरान बम धमाका हो गया और 30 आतंकी मौत की नींद सो गए. ये घटना देश के बाल्ख प्रांत में हुई. अफगानिस्तान की सेना ने एक बयान जारी कर इसकी जानकारी दी. सेना ने बताया कि इस घटना में मारे गए 30 आतंकियों में छह विदेशी थे.
सेना के प्रवक्ता ने बताया कि तालिबान आतंकियों के एक ग्रुप को दौलताबाद जिले के क्वाल्टा गांव में बम बनाने की ट्रेनिंग दी जा रही थी. इसी दौरान अचानक से बम फट पड़ा और इन आतंकियों की मौत हो गई. हालांकि, प्रवक्ता ने छह विदेशी आतंकियों की पहचान को उजागर नहीं किया है. स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स में बताया गया है कि तालिबानी आतंकी गांव की एक मस्जिद में जमा थे. उन्हें सड़क के किनारे रखे जाने वाले आईडी बम बनाने के लिए ट्रेंड किया जा रहा था.
पहली बार इस तरह की घटना में मारे गए इतने आतंकी
वहीं, रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता फवाद अमान ने बताया कि ब्लास्ट के बाद घटनास्थल पर कोई भी जिंदा नहीं बचा है. उन्होंने इसे अपने तरह का सबसे खतरनाक घटनाक्रम बताया है. अमान ने कहा कि पहले इस तरह की घटनाओं में छह, आठ या 10 आतंकी मारे जाते थे. लेकिन ये पहली बार है, जब इतनी बड़ी संख्या में आतंकी मारे गए हैं. दूसरी ओर आतंकी संगठन तालिबान ने घटना की पुष्टि कर दी है. लेकिन आतंकियों के मारे जाने की रिपोर्ट पर एक शब्द नहीं कहा है.
अफगानिस्तान में शांति के लिए हो रही है वार्ता
बाल्ख प्रांत हाल के सालों तक अफगानिस्तान का सबसे सुरक्षित हिस्सा रहा है. लेकिन अब तालिबानी आतंकियों ने पिछले कुछ सालों में अमेरिकी नेतृत्व वाले सैनिकों की कमी और सरकारी नेताओं के बीच तालमेल नहीं होने के चलते इस क्षेत्र में बढ़त बनाई है. तालिबान और अमेरिका के बीच अफगानिस्तान में शांति स्थापित करने के लिए वार्ता जारी है. लेकिन तालिबानी आतंकियों द्वारा लगातार किए जाने वाले हमलों के चलते क्षेत्र में शांति स्थापित होने की गुंजाइश नजर नहीं आ रही है.
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