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ईरान (Iran) के अशांत दक्षिणपूर्वी प्रांत सिस्तान और बलूचिस्तान (Sistan Baluchistan) में रविवार को विस्फोट होने की खबर आई है
Explosion In Southeastern Province of Iran: ईरान (Iran) के अशांत दक्षिणपूर्वी प्रांत सिस्तान और बलूचिस्तान (Sistan Baluchistan) में रविवार को विस्फोट होने की खबर आई है. जिसमें एक व्यक्ति की मौत हो गई है और तीन अन्य लोग घायल हो गए हैं. सरकारी टीवी की रिपोर्ट में बताया गया कि सारावन शहर (Saravan) में हुए धमाके के पीछे आतंकवादियों (Terrorist Attack in Iran) का हाथ है. सिस्तान और बलूचिस्तान से मादक पदार्थों और पेट्रोल की तस्करी होती है. यहां ईरान की सरकार और विभिन्न आतंकवादी समूहों के बीच झड़पें होती रहती हैं.
यह प्रांत पाकिस्तान और अफगानिस्तान की सीमा से लगा हुआ है और यहां पर अल कायदा (al-Qaeda) से जुड़ा सुन्नी अलगाववादी समूह जैश अल अदल सक्रिय है. यह ईरान के सबसे कम विकसित और सबसे गरीब क्षेत्रों में से एक है. अफगानिस्तान में भी बीते कुछ समय इस तरह के हमलों में बढ़ोतरी देखी गई है. इसके अलावा सऊदी अरब (Saudi Arabia) में भी हाल के महीनों में तेल रिफाइनरियों पर हमले बढ़े हैं. इसके लिए ईरान समर्थित हूती विद्रोहियों को जिम्मेदार माना जाता है.
सऊदी अरब पर ड्रोन हमला
एक दिन पहले ही खबर आई थी कि सऊदी अरब की राजधानी रियाद में एक तेल संयंत्र पर ड्रोन हमला हुआ था (Saudi Arabia Drone Attack). इस हमले में जान-माल का कोई नुकसान नहीं हुआ. सऊदी की सरकारी समाचार समिति 'सऊदी प्रेस एजेंसी' ने बताया कि शुक्रवार हुए इस हमले में जान-माल का कोई नुकसान नहीं हुआ और तेल आपूर्ति बाधित नहीं हुई. अधिकारियों ने संयंत्र का नाम नहीं बताया है, लेकिन देश की दिग्गज तेल कंपनी 'सऊदी अरेबियन ऑयल कंपनी' (सऊदी अरामको) रियाद के दक्षिणपूर्व में एक रिफाइनरी संचालित करती है.
हूती विद्रोहियों ने बयान जारी किया
सऊदी अरब ने इस हमले के लिए हूती विद्रोहियों को जिम्मेदार नहीं ठहराया है, लेकिन कुछ घंटों पहले, हूती सैन्य प्रवक्ता ब्रिगेडियर जनरल येहिया सैरी ने कहा था कि हूती विद्रोहियों ने रियाद में अरामको के एक संयंत्र पर छह ड्रोन दागे हैं. सऊदी नीत गठबंधन बल यमन में दक्षिणी सीमा पर ईरान समर्थित हूती विद्रोहियों (Houthi Rebels Attack on Saudi Arabia Oil Refinery) के खिलाफ लड़ रहे हैं और इसी कारण देश पर हवाई हमले बढ़ गए हैं. हाल में प्रतिदिन 5,50,000 बैरल की क्षमता वाली देश की सबसे बड़ी कच्चे तेल की रिफाइनरी में ड्रोन हमला हुआ था, जिसके बाद सऊदी अरब के क्षेत्रीय दुश्मनों की बढ़ती क्षमताओं को लेकर चिंता बढ़ गई है.
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