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नई दिल्ली। नीदरलैंड के द हेग में मौजूद अंतरराष्ट्रीय कोर्ट से इजरायल को तगड़ा झटका लगा है. आईसीजे यानी इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस ने इजरायल को गाजा के रफाह में चलाए जा रहे सैन्य अभियान को रोकने का आदेश दिया है. संयुक्त राष्ट्र की शीर्ष अदालत ने दक्षिण अफ्रीका की याचिका पर ये फ़ैसला सुनाया है. इसके बावजूद इजरायली सेना गाजा में हमले जारी रखे हुए है. उत्तर से दक्षिण तक गाजा में आईडीएफ बम बरसा रही है. इसी बीच गाजा पट्टी के जबालिया से तीन बंधकों के शव मिले हैं. इजरायली सेना का कहना है कि तीनों शव हमास के एक सुरंग से मिले, जिन लोगों के शव मिले हैं, उनकी पहच हनान याब्लोंका, मिशेल निसेनबाम और ओरियन हर्नांडेज़ के रूप में हुई है. गाजा से बीते हफ्ते भी तीन इजरायली बंधकों के शव मिले थे. पिछले साल 7 अक्टबूर को फिलिस्तीन के हथियारबंद संगठन हमास ने इजरायल पर हमला कर 1200 लोग को मार डाला था.
आईडीएफ प्रवक्ता डेनियल हगारी ने कहा, ''भारी मन से मैं यह साझा कर रहा हूं कि शुक्रवार की रात गाजा में इजरायली विशेष बलों ने हमारे बंधकों हनान याब्लोंका, मिशेल निसेनबाम, ओरियन हर्नांडेज़ के शव बरामद किए हैं. सटीक खुफिया जानकारी के आधार पर एक विशेष अभियान के दौरान उनके शव मिले हैं. हनान नोवा म्यूजिक फेस्टिवल में अपने दोस्तों के साथ पार्टी कर रहा था. हमास के आतंकी हत्या करके उसका शव गाजा ले गए थे.'' उधर आईसीजे ने कहा है कि इजरायल को रफ़ाह में चलाए जा रहे सैन्य अभियान को तुरंत रोक देना चाहिए. इससे फिलिस्तीनियों को खतरा है. आईसीजे ने इजरायल को फैसले पर उठाए जाने वाले कदमों को लेकर एक महीने के अंदर रिपोर्ट देने के लिए भी कहा है. पीठासीन न्यायाधीश नवाफ सलाम ने कहा, ''कोर्ट का मानना है कि नरसंहार कन्वेंशन के तहत इजराइल को गाजा के रफाह में तुरंत अपने सैन्य अभियान को रोक देना चाहिए.''
दरअसल हाल के दिनों में इजरायल ने रफाह में सैन्य अभियान को तेज किया है. इजरायल का दावा है कि मिस्र और गाजा के सीमा पर मौजूद रफाह में हमास के कई ब्रिगेड सक्रिए हैं जिसे खत्म करना जरूरी हैं. वहीं अमेरिका समेत कई मानवीय संगठन इस बात की आशंका जता चुके हैं कि रफाह में चलाए जा रहे सैन्य अभियान से हज़ारों फिलिस्तीनियों की जान जा सकती है.. फिलहाल रफाह में 10 लाख से ज्यादा फिलिस्तीनियों ने शरण ले रखी हैं. बताते चलें कि हमास ने इजरायल पर हमला करके 252 लोगों को बंधक बनाया था. इनमें से आधे से ज्यादा बंधकों को पहले ही छोड़ चुका है, लेकिन अभी भी इसके कैद में करीब 130 इजरायली नागरिक हैं. हमास का कहना है कि जब तक इजरायल गाजा में अपनी सैन्य कार्रवाई खत्म कर वापस नहीं लौट जाता वो बंधकों को नहीं छोड़ेगा. वहीं इजरायल चाहता है कि हमास पहले बंधकों को छोड़े जिसके बाद वो गाजा छोड़ने पर विचार करेंगे.
इजरायली पीएम बेंजामिन नेतन्याहू की गिरफ्तारी के लिए इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट से अरेस्ट वारंट की मांग की जा चुकी है. इस पर भड़के नेतन्याहू ने कहा था कि वो लोकतांत्रिक इजरायल की तुलना हमास के सामूहिक हत्यारों से करने को कड़ा विरोध करते हैं. उन्होंने अपनी गिरफ्तारी की मांग को पूरे इजरायल पर हमला बताया था. उन्होंने कहा था, "आईसीसी अभियोजक करीम खान द्वारा इजरायल के लोकतांत्रिक रूप से चुने गए नेताओं के खिलाफ अरेस्ट वारंट की मांग करने का अपमानजनक निर्णय अपमानजनक है. यह अंतरराष्ट्रीय अदालत पर हमेशा के लिए शर्मिंदगी का दाग लगा देगा.'' इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट के अभियोजक करीम खान ने पीएम नेतन्याहू पर फिलिस्तीनियों को भूखे मारने का आरोप लगाते हुए गिरफ्तारी की मांग की थी. गाजा में युद्ध और मानवता के खिलाफ अपराधों के लिए रक्षा मंत्री योव गैलेंट की गिरफ़्तारी की भी मांग की गई. उनका दावा था कि गाजा युद्ध में इजरायल ने 'भूख' को नागरिकों के खिलाफ हथियार की तरह इस्तेमाल किया और उनके पास इसके पुख्ता सबूत हैं. उन्होंने कहा कि उनके पास पुख्ता सुबूत है जिसके आधार पर नेतन्याहू और इजरायल के रक्षा मंत्री याव गैलेंट को गाजा में हो रहे जंग के लिए जिम्मेदार ठहराया जा सकता है.
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