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यहां हुआ चले खूनी संघर्ष, आखिरकार इस देश से बाहर निकला अमेरिका

Apurva Srivastav
29 March 2021 8:06 AM GMT
यहां हुआ चले खूनी संघर्ष, आखिरकार इस देश से बाहर निकला अमेरिका
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द्वितीय विश्व युद्ध (Second World War) के खत्म होने के बाद दुनियाभर के मुल्क दो गुटों में बंट गए

द्वितीय विश्व युद्ध (Second World War) के खत्म होने के बाद दुनियाभर के मुल्क दो गुटों में बंट गए. एक तरफ अमेरिका (America) अपनी पूंजीवादी विचारधारा को थोपना चाहता था तो दूसरी ओर सोवियत संघ (Soviet Union) अपनी कम्युनिस्ट विचारधारा को फैलाने में लगा हुआ था. अमेरिका और सोवियत संघ के बीच जंग का अखाड़ा कई मुल्क बने. ऐसा ही दो मुल्क थे, उत्तरी वियतनाम (North Vietnam) और दक्षिणी वियतनाम (South Vietnam), जो बाद में वियतनाम के रूप में जाने गए. इन दोनों मुल्कों के बीच हुए युद्ध में अमेरिका ने खूब शक्ति प्रदर्शन किया.

इस युद्ध में 58 हजार अमेरिकी सैनिक मारे गए, जबकि वियतनाम के करीब 20 लाख सैनिक और आम लोग इस युद्ध की भेंट चढ़ गए. उत्तरी वियतनाम को सोवियत संघ, चीन और अन्य कम्युनिस्ट सहयोगियों ने समर्थन दिया था. जबकि दक्षिण वियतनाम को अमेरिका, दक्षिण कोरिया, फिलीपींस, ऑस्ट्रेलिया, थाईलैंड और अन्य कम्युनिस्ट विरोधी सहयोगियों का समर्थन प्राप्त था. वियतनाम युद्ध में अमेरिका ने खूब तबाही मचाई और लाखों की संख्या में लोग मारे गए. आज का दिन इस युद्ध के लिए बेहद खास है, क्योंकि आज ही के दिन अमेरिका ने अपने सभी जवानों को वियतनाम से बाहर निकाला और युद्ध की समाप्ति हुई.

पेरिस में शांति समझौते पर हुए हस्ताक्षर
अमेरिका ने 1954 में युद्ध की शुरुआत की और इसे 1973 तक कुल 19 सालों तक लड़ा. 29 मार्च 1973 को अंतिम अमेरिकी सैनिकों को वियतनाम से बाहर निकाला गया. शांति समझौते पर हस्ताक्षर के बाद युद्ध में प्रत्यक्ष अमेरिकी सैन्य भागीदारी भी समाप्त हो गई. पेरिस में दो महीने पहले अमेरिका, उत्तर और दक्षिण वियतनाम के प्रतिनिधियों ने शांति समझौते पर हस्ताक्षर किए. इस समझौते के तहत अमेरिकियों को युद्ध से सम्मानजनक तरीके से बाहर निकलना था. इस युद्ध की वजह से देश में बहुत ही गहराई से विभाजन हो गया था. वहीं, अमेरिका के सैनिकों के देश से बाहर निकलने पर इसके कई जवानों को रिहा कर दिया गया.

समझौते में शामिल की गई ये शर्तें
समझौतें के प्रमुख प्रावधानों के तहत पूरे वियतनाम में संघर्ष विराम लागू करना, अमेरिकी सेना की वापसी, युद्ध बंदियों को रिहा करना और शांतिपूर्ण तरीके से उत्तर और दक्षिण वियतनाम का एकीकरण जैसे मुद्दे शामिल थे. वहीं, नए चुनाव होने तक दक्षिण वियतनामी सरकार का बना रहना और दक्षिणी क्षेत्र में उत्तरी वियतनाम के सैनिकों का आगे नहीं बढ़ना भी शांति समझौते का हिस्सा था. सैनिकों को बाहर निकालने की रणनीति 1969 से ही चल रही थी. राष्ट्रपति रिचर्ड निक्सन ने वियतनामीकरण नीति को बनाया और एक टेलीविजन संबोधन के जरिए इसका अनावरण किया.

तीन अमेरिकी राष्ट्रपतियों के कार्यकाल तक फैला युद्ध
अमेरिका का आखिरी कमांडर 29 मार्च को वियतनाम से बाहर आ गया. लेकिन अमेरिकी रक्षा विभाग द्वारा 7200 अमेरिकी नागरिकों के एक बल को उत्तरी वियतनाम में कम्युनिस्ट सरकार से निपटने के लिए दक्षिणी वियतनाम में रखा गया. इनका काम दक्षिणी वियतनाम सरकार को सहायता प्रदान करना था. वियतनाम युद्ध तीन अमेरिकी राष्ट्रपति कार्यकाल तक फैला रहा है. इसकी शुरुआत जॉन एफ कैनेडी के कार्यकाल में हुई, जब उन्होंने दक्षिणी वियतनाम में सैन्य सलाहकारों को भेजा. वहीं, राष्ट्रपति लिंडन जॉनसन के कार्यकाल में सबसे ज्यादा अमेरिकी सैनिक मारे गए. इस दौरान अमेरिका में इस युद्ध के खिलाफ लोग सड़कों पर उतरे और उन्होंने सैनिकों की वापसी के लिए प्रदर्शन करना शुरू किया. आखिरकार निक्सन के कार्यकाल में युद्ध समाप्त हो पाया.


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