विश्व

काबुल एयरपोर्ट पर ब्लास्ट

HARRY
26 Aug 2021 2:01 PM GMT

काबुल एयरपोर्ट के गेट पर बड़ा धमाका हुआ है. इस धमाके से कई लोगों के घायल होने की खबर है. पेंटागन के प्रवक्ता जॉन किर्बी ने कहा कि है कि काबुल एयरपोर्ट के बाहर धमाका हुआ है। हालांकि, उन्होंने इस पर कुछ नहीं कहा है कि इसमें कितने लोग हताहत हुए हैं। 15 अगस्त को काबुल पर तालिबान के कब्जे के बाद से बड़ी संख्या में लोग देश छोड़कर भाग रहे हैं और एयरपोर्ट पर हजारों की संख्या में एकत्रित हैं। अमेरिका, भारत सहित अधिकतर देश अपने नागरिकों के साथ इन लोगों को बाहर निकालने में जुटे हैं।

वही अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद भारत, अमेरिका समेत कई देश बड़े स्तर पर रेस्क्यू मिशन चला रहे हैं. लोगों को अफगानिस्तान से बाहर निकालने का काम लगातार जारी है. व्‍हाइट हाउस अधिकारी ने बताया कि अमेरिका ने एक दिन में अफगानिस्‍तान से 13400 लोगों को निकाला है. 17 अमेरिकी सैन्य उड़ानों (14 C-17s और 3 C-130s) ने काबुल से लगभग 5,100 लोगों को निकाला है. खबर पर अपडेट जारी है....

अफ़ग़ानिस्तान में अजीब खेल चल रहा है. तालिबान ने अब अमेरिका को ही चुनौती दे डाली है. उसने अमेरिका से कहा कि वो अपने सैनिकों को 31 अगस्त तक वापस बुला ले या फिर अंजाम भुगतने के लिए तैयार रहे. उधर, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा कि अफगानिस्तान में तख्ता पलट होने के बाद कोई बड़ा आतंकी हमला हो सकता है. लिहाजा वो उससे पहले ही सभी अमेरिकी सैनिकों को वापस बुलाना चाहता है. ख़बर ये भी आई है कि इस दौरान सीआईए और तालिबान के बीच एक खुफिया बैठक हुई है. अब सवाल उठ रहा है कि इस बैठक का मतलब क्या है?

अफ़ग़ानिस्तान से अमेरिकी फ़ौज की वापसी की फ़ाइनल तारीख यानी 31 अगस्त जैसे-जैसे क़रीब आती जा रही है, वहां फंसे लोगों और उनके अपनों की धड़कनें तेज़ होती जा रही हैं. तालिबान वहां जल्द से जल्द अपनी सरकार बनाना चाहता है. साथ ही वो ये भी चाहता है कि उससे पहले अमेरिका वहां से अपना बोरिया बिस्तर पूरी तरह से समेट ले. मगर, दिक्कत ये है कि जिस रफ़्तार से अफ़गानिस्तान से देसी विदेशी नागरिकों को निकालने का काम जारी है, उसे देखते हुए ऐसा नहीं लगता कि अमेरिका का ये मिशन 31 अगस्त तक पूरा हो पाएगा.

अब सवाल उठता है कि अगर 31 अगस्त तक अमेरिका अफ़ग़ानिस्तान से नहीं गया तो उसका नतीजा क्या होगा? और अगर अमेरिका ने अफ़ग़ानिस्तान छोड़ दिया तो वहां फंसे विदेशी नागरिकों का क्या होगा? क्या 31 अगस्त के बाद काबुल एयरपोर्ट पर पूरी तरह से तालिबान का क़ब्ज़ा हो जाएगा? या फिर काबुल एयरपोर्ट पर अमेरिकी फ़ौजियों का कंट्रोल पहले की तरह बरकरार रहेगा? क्या इसके बाद भी अफ़ग़ान नागरिकों को देश छोड़ने की इजाज़त होगी? या फिर तमाम अफ़ग़ानियों को तालिबानी हुकूमत में घुट-घुट कर जीना होगा?

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