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चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि इस संकट के चलते आने वाले कुछ महीनों में उत्पादन कम रहने की आशंका है।
कोयले की सप्लाई में कमी के चलते दिल्ली से लेकर बिहार तक भारत के कई राज्यों में बिजली की कमी की आशंका जताई जा रही है। ब्लैकआउट जैसे हालातों को टालने के लिए केंद्र सरकार मीटिंग्स कर रही है। इस बीच पड़ोसी देश चीन में पहले ही यह संकट गहरा चुका है। चीन के कई राज्यों में बिजली की आपूर्ति ठप होने से ब्लैकआउट की स्थिति है। इसके चलते फैक्ट्रियों को अपना उत्पादन घटाना पड़ रहा है। इसके अलावा बिजली की खपत में कमी लाने की सलाह दी जा रही है। करोड़ों लोग इस संकट से प्रभावित हुए हैं। चीन में यह अपनी तरह का पहला ऐसा संकट है, जब कई राज्यों में बत्ती गुल हो गई है।
हॉन्गकॉन्ग पोस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक चीन के 31 में से 20 प्रांतों में बिजली की खपत को कम करने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। इंडस्ट्री सेक्टर को अपने उत्पादन को फिलहाल होल्ड रखने को कहा गया है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि कोरोना संकट टलने के बाद फैक्ट्रियों में अचानक उत्पादन में इजाफा हुआ है। इसके चलते बिजली की मांग बढ़ गई है। दरअसल भारत की तरह ही चीन भी 70 फीसदी के करीब बिजली उत्पादन के लिए कोयले पर ही निर्भर है। अब कोयले की आपूर्ति मांग के मुकाबले कम है। इसके चलते कई राज्यों में बिजली का संकट पैदा हो गया है।
इसके चलते सितंबर महीने में फैक्ट्रियों में उत्पादन कम रहा है। कोरोना के नरम पड़ने के बाद से चीन की इकॉनमी ने तेजी से ग्रोथ की है, लेकिन अब इस संकट के चलते सितंबर में पहली बार उत्पादन में कमी देखने को मिली है। यही नहीं कई राज्यों में बिजली की कीमतों में भी इजाफा देखने को मिल रहा है। गुआंगदोंग प्रांत ने इंडस्ट्रियल यूजर्स के लिए बिजली की दरों में 25 फीसदी तक के इजाफे का ऐलान किया है। चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि इस संकट के चलते आने वाले कुछ महीनों में उत्पादन कम रहने की आशंका है।
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