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वह पता लगाने की कोशिश में हैं कि विलय कितने समय अंतराल पर होता है.
वैज्ञानिकों को पहली बार ब्लैक होल के न्यूट्रॉन सितारों से टकराने के संकेत मिले हैं. इनके बीच जनवरी 2020 में 10 दिनों के समय अंतराल पर दो बार टक्कर देखी गई है. इसे लेजर इंटरफेरोमीटर ग्रेविटेशनल वेव ऑब्जर्वेटरी (LIGO) और वर्गो फैसिलिटी के जरिए देखा गया है, जो अदृश्य गुरुत्वाकर्षण तरंगों का पता लगाते हैं. ये घटना करोड़ों प्रकाशवर्ष की दूरी पर हुई है. इन गुरुत्वाकर्षण तरंगों को पकड़ पाना काफी मुश्किल होता है.
इसकी मदद से वैज्ञानिकों को ब्लैक होल के विलय से संबंधित अहम जानकारी मिलती है. इस अध्ययन को एस्ट्रोफिजिकल जर्नल लैटर्स में प्रकाशित किया गया है. इस बात की जानकारी देते हुए लिगो इंडिया ने बताया है कि बीते साल गुरुत्व तरंगों की लैब्स ने GW200105 और GW200115 नाम की दो घटनाओं का पता लगाया है. गुरुत्व तरंगों के इस अध्ययन में लिगो इंडिया साइंटिफिक कोलैबरेशन (LISC) के माध्यम से योगदान दे रहा है.
कब पैदा होती हैं तरंगें?
करोड़ों प्रकाशवर्ष की दूरी पर होने वाली इस घटना के संकेतों को अमेरिका और यूरोप में पकड़ा गया है. गुरुत्व तरंगों (Gravitational Waves) की बात करें तो यह तब पैदा होती हैं, जब किसी सितारे में विस्फोट होता है (Black Holes Swallow Neutron Recent Study). या फिर एक दूसरे का चक्कर लगाने वाले सितारों का ब्लैक होल में विलय हो जाता है. वैज्ञानिकों ने पहली बार ब्लैक होल को न्यूट्रॉन सितारे को निगलते हुए देखा है. इन्होंने देखा है कि कैसे ब्लैक होल सूर्य से भी बड़े न्यूट्रॉन सितारे को निगल रहा है.
दूसरी घटना में क्या पता चला?
इस घटना के चलते जो तरंगें उत्पन्न हुईं, उन्हें धरती पर पहुंचने में 90 करोड़ साल लगे थे. तरंगें इसलिए इतनी अधिक हैं क्योंकि ब्लैक होल (Gravitational Waves Black Hole) का भार नौ सूर्य के बराबर होता है. वहीं दूसरी घटना के बाद ये जानकारी सामने आई कि न्यूट्रॉन की टक्कर जिस ब्लैक होल से हुई, वह सूर्य से छह गुना भारी था (Black Hole Collision). घटना एक अरब प्रकाशवर्ष की दूरी पर हुई है. अब वैज्ञानिक इस विलय से संबंधित जानकारी एकत्रित कर रहे हैं. वह पता लगाने की कोशिश में हैं कि विलय कितने समय अंतराल पर होता है.
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