x
एक तरह का साहसिक पर्यटन है, जहां आपको उन्हें खाने के लिए एक बैज मिलता है."
दुनियाभर में इंजीनियर और वैज्ञानिक समय-समय पर नए-नए अविष्कार करते रहते हैं. इनमें से कुछ ऐसे होते हैं जो पूरी दुनिया का ध्यान अपनी ओर खींचते हैं. इसी कड़ी में दक्षिण अफ्रीका के केमिकल इंजीनियर वेंडी वेसेला ने एक शानदार एक्सपेरिमेंट किया है. उन्होंने हरे और काले कैटरपिलर (कीड़े) को ऐसे आटे में बदलने का तरीका खोजा है, जिनका इस्तेमाल नमकीन बिस्कुट और मीठे चॉकलेट प्रोटीन बार, अनाज या स्मूदी में किया जा सकता है. बता दें कि ये कीड़े प्रोटीन और आयरन से भरे होते हैं. वेंडी वेसेला खाने वाले कैटरपिलर जो "मोपेन वर्म्स" के रूप में मशहूर है, को को देखने और खाने के तरीके को बदलना चाहते हैं.
मेले में भी प्रदर्शित किया अपना खास प्रोडक्ट
एएफपी की रिपोर्ट के मुताबिक, वेसेला ने हाल ही में जोहान्सबर्ग के अपमार्केट सैंडटन जिले में एक फूड मेले में इसके आटे से बने बिस्कुट, प्रोटीन बार व कुछ अन्य प्रोडक्ट के साथ अनिच्छुक ग्राहकों को लुभाने की कोशिश की. इस मेले में वेसेला के स्टॉल पर पहुंचे 38 साल के गेल ओडेन्डल ने कहा कि, "मैं एक कीड़ा नहीं खाऊंगा. यह काफी घृणित है, लेकिन एक चॉकलेट के रूप में यह वास्तव में काफी स्वादिष्ट है.
पर्यावरण के लिए भी हानिकारक नहीं
बता दें कि कई लोगों के लिए विशेष रूप से पश्चिमी यूरोपीय पृष्ठभूमि से कीड़े खाने का विचार अभी भी भय और अवरोध से भरा हुआ है, लेकिन ये पोषण का एक बेहतरीन स्रोत हो सकते हैं. खास बात ये है कि इन्हें उपजाना पर्यावरण के लिए भी हानिकारक नहीं है. इन्हें न अतिरिक्त पानी की जरूरत होती है और न ही जमीन की. ये मोपेन के पेड़ों पर प्रजनन करते हैं और वहीं पैदा होते हैं. स्टीम्ड और स्लाइस करने के बाद मोपेन के टुकड़ों को पिज्जा टॉपिंग के रूप में भी इस्तेमाल किया जा सकता है.
मिल गए हैं कई अंतरराष्ट्रीय ग्राहक
वेसेला का कहना है कि, "उन्हें अपने जैविक उत्पादों के लिए घरेलू और अंतरराष्ट्रीय ग्राहक मिल गए हैं. वेस्टर्न कल्चर में खाने योग्य कीड़े हकीकत में लोकप्रियता हासिल कर रहे हैं." वहीं, खाद्य मानवविज्ञानी अन्ना ट्रैपिडो जोर देकर कहते हैं कि, "इस प्रवृत्ति को केवल एक अन्य आहार धुन के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए, यह एक एक तरह का साहसिक पर्यटन है, जहां आपको उन्हें खाने के लिए एक बैज मिलता है."
Next Story