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अरबों डॉलर लेकिन छू नहीं सकते...तालिबान के सामने नकदी का संकट...अफगान पर और पकड़ मजबूत करने को हिटलर की तरह 'चाल' चल रहा

Shantanu Roy
21 Aug 2021 2:00 AM GMT
अरबों डॉलर लेकिन छू नहीं सकते...तालिबान के सामने नकदी का संकट...अफगान पर और पकड़ मजबूत करने को हिटलर की तरह चाल चल रहा
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अफगानिस्तान पर कब्जे के बाद इस देश पर अपनी पकड़ मजबूत करने के लिए तालिबान हिटलर की तरह की बर्ताव कर रहा है। आतंकी संगठन ने इससे पूर्व की सरकार के समय सुरक्षा तंत्र से जुड़े लोगों की पहचान कर उनका सफाया करना शुरू कर दिया है। दूसरी ओर उसने पश्चिमी देशों से अपनी सत्ता को मान्यता दिलाने के लिए अपनी छवि सुधारने के क्रम में संक्रमणकालीन सरकार बनाने पर काम शुरू कर दिया है। रिपोर्ट की मानें तो तालिबान घर-घर जाकर उन लोगों की पहचान कर रहा है, जो पहले एनडीएस के लिए काम कर चुके हैं या फिर अमेरिका के लिए काम कर चुके हैं।

तालिबान पश्चिम से मान्यता के बदले एक चेहरा बचाने वाली संक्रमणकालीन सरकार बनाने की कोशिश करते हुए पिछले शासन की सुरक्षा व्यवस्था में शामिल लोगों की पहचान करके और उनका सफाया करके काबुल पर अपनी पकड़ मजबूत कर रहे हैं। काबुल से आने वाली रिपोर्टें बहुत ही गंभीर हैं। इनमें कहा जा रहा है कि तालिबान ने राष्ट्रीय सुरक्षा निदेशालय (एनडीएस), सेना के साथ काम करने वाले या दुभाषियों के रूप में अमेरिका और संबद्ध बलों की मदद करने वाले सभी अफगानों को चिह्नित करके उनका सफाया करने के लिए हिटलर की कुख्यात खुफिया एजेंसी 'गेस्टापो' की तरह काम कर रहा है।
एक ओर जहां तालिबान पिछले शासन से जुड़े लोगों को निशाना बना रहा है, वहीं दूसरी ओर अपनी भारी सशस्त्र नैतिक पुलिस के बल पर वे न तो बच्चों और न ही महिलाओं को बख्श रहे हैं। राजधानी में ब्यूटी पार्लर बंद कर दिए गए हैं और महिलाओं के चेहरे वाले होर्डिंग और विज्ञापनों पर कालिख पोत दी गई है। गुरुवार को देश में स्वतंत्रता दिवस मनाया गया। इस दौरान पूर्वी शहर असदाबाद में तालिबान आतंकवादियों द्वारा भीड़ पर की गई गोलीबारी में कई लोग मारे गए थे। तालिबान ने काबुल में एक रैली के पास भी हवाई फायरिंग की।

तालिबान के सामने अफगानिस्तान पर अपने नियंत्रण को मजबूत बनाने में बहुत बड़ी चुनौती पेश आ रही है और वह है पैसा। पिछले सप्ताह की अपनी वर्चस्वशीलता के बावजूद तालिबान की सेंट्रल बैंक और अंतरराष्ट्रीय मुद्रा के अरबों डॉलर तक पहुंच नहीं है जो इस उथल-पुथल के दौर में देश को चलाता रहता। अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने अफगानिस्तान में फंसे अमेरिकी नागरिकों से उन्हें घर पहुंचाने का वादा किया है। उन्होंने अफगानिस्तान में फंसे अमेरिकियों से कहा, 'हम आपको घर पहुंचाएंगे।'

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