अरबों डॉलर लेकिन छू नहीं सकते...तालिबान के सामने नकदी का संकट...अफगान पर और पकड़ मजबूत करने को हिटलर की तरह 'चाल' चल रहा
अफगानिस्तान पर कब्जे के बाद इस देश पर अपनी पकड़ मजबूत करने के लिए तालिबान हिटलर की तरह की बर्ताव कर रहा है। आतंकी संगठन ने इससे पूर्व की सरकार के समय सुरक्षा तंत्र से जुड़े लोगों की पहचान कर उनका सफाया करना शुरू कर दिया है। दूसरी ओर उसने पश्चिमी देशों से अपनी सत्ता को मान्यता दिलाने के लिए अपनी छवि सुधारने के क्रम में संक्रमणकालीन सरकार बनाने पर काम शुरू कर दिया है। रिपोर्ट की मानें तो तालिबान घर-घर जाकर उन लोगों की पहचान कर रहा है, जो पहले एनडीएस के लिए काम कर चुके हैं या फिर अमेरिका के लिए काम कर चुके हैं।
तालिबान के सामने अफगानिस्तान पर अपने नियंत्रण को मजबूत बनाने में बहुत बड़ी चुनौती पेश आ रही है और वह है पैसा। पिछले सप्ताह की अपनी वर्चस्वशीलता के बावजूद तालिबान की सेंट्रल बैंक और अंतरराष्ट्रीय मुद्रा के अरबों डॉलर तक पहुंच नहीं है जो इस उथल-पुथल के दौर में देश को चलाता रहता। अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने अफगानिस्तान में फंसे अमेरिकी नागरिकों से उन्हें घर पहुंचाने का वादा किया है। उन्होंने अफगानिस्तान में फंसे अमेरिकियों से कहा, 'हम आपको घर पहुंचाएंगे।'