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पाकिस्तान में सत्ता पर मजबूत पकड़ बना चुकी प्रधानमंत्री इमरान खान की पार्टी पर विपक्षी नेता बिलावल भुट्टो |
पाकिस्तान में सत्ता पर मजबूत पकड़ बना चुकी प्रधानमंत्री इमरान खान की पार्टी पर विपक्षी नेता बिलावल भुट्टो (Bilawal Bhutto) ने एक बार फिर निशाना साधा है. पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के नेता बिलावल भुट्टो ने सोमवार को सेना को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर सीनेट में चुनाव विवादित हुए तो इसका पूरा असर देश पर होगा. साथ ही कहा कि सीनेट के चुनाव में सेना कि कोई राजनीतिक भूमिका नहीं होनी चाहिए.
सरकार पर सेना को हावी होता देख बिलावल भुट्टो (Bilawal Bhutto) ने सेना को चेतावनी दी है. कराची में मीडिया से बात करते हुए बिलावल ने कहा कि उनकी पार्टी चाहती है कि सेना चुनाव से दूर रहे. अगर सेना कोई राजनीतिक ऑफिस है तो उसे बंद कर देना चाहिए. इस दौरान बिलावल भुट्टो ने इमरान खान की पार्टी पर भी जमकर हमला बोला.
सीनेट के चुनाव में गड़बड़ी कर सकते हैं इमरान
बिलावल भुट्टो ने प्रधानमंत्री इमरान खान की पार्टी और सेना पर चुनाव में गड़बड़ी करने की आशंका जताई है. बिलावल ने कहा कि इमरान की पार्टी को नेशनल असेंबली में बहुमत हासिल नहीं है. ऐसे में अगर हमारे इतिहास और वास्तविकता को देखा जाए तो राजनीति में सेना शुरू से हस्तक्षेप करती आई है. अगर इस बार भी ऐसा हुआ तो पूरे देश के लिए यह विवादित मामला हो जाएगा इसलिए हमें मिलकर इसके खिलाफ जंग लड़ना होगा. बिलावल ने कहा कि आशा करता हूं सीनेट के चुनाव निष्पक्ष तरीके से होंगे.
बता दें कि पिछले दिनों पाकिस्तानी सेना प्रमुख जनरल बाजवा ने गिरगिट को लेकर सभी बड़ी पार्टियों के नेताओं को आर्मी हेड क्वार्टर रावलपिंडी में आयोजित एक दावत में बुलाया था. इस दावत में नवाज शरीफ के भाई शाहबाज शरीफ, आसिफ अली जरदारी के बेटे बिलावल भुट्टो जरदारी समेत कई पाकिस्तानी दिग्गज नेता शामिल हुए थे. इस दौरान आईएसआई के प्रमुख भी मौजूद थे लेकिन उसी दौरान बाजवा और बिलावल के बीच बहस हो गई थी.
बांग्लादेश युद्ध पर भड़के बाजवा
गिरगिट पर चर्चा करने को लेकर बुलाए गए दावत में 1971 की बांग्लादेश युद्ध की चर्चा के दौरान बिलावल भुट्टो और जनरल बाजवा के बीच बहस हो गई. बताया जा रहा है कि बिलावल ने पाकिस्तान के मौजूदा हालात को 1971 के हालात के बराबर बताया. बिलावल ने कहा बलूचिस्तान का मुद्दा और आईएसआई के राजनीतिक हस्तक्षेप और इमरान खान को सेना के खुलकर समर्थन से हालात काफी बिगड़ गए हैं. इस दौरान बाजवा ने कहा कि सेना से मिलने के लिए आप जैसे नेता ही आते हैं हम आपके पास नहीं आते हैं साथ ही उन्होंने कहा कि यह आपके आपसी झगड़े हैं हमारा उससे कोई लेना देना नहीं है.
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