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रूस में डेप्यूटेंट जैसे बड़े पद पर पहुंचने वाले अभय सिंह इकलौते भारतीय हैं.
पटना के अभय कुमार ने रूस (Russia) में डेप्यूटेंट (Deputent) का चुनाव (Election) जीतकर परचम लहरा दिया है. अभय ने ये चुनाव रूस के कुर्स्क (Kursk) से जीता है. आपको बता दें डेप्यूटेंट (Deputent) का पद ठीक वैसे ही है जैसे हमारे देश में राज्यों के विधायकों (MLA) का पद होता है. किसी भारतीय का दूसरे देश में चुनाव जीतना बहुत गर्व की बात है, फिर इस जीत को ये बात और खास बना देती है कि अभय कुमार ये चुनाव पहली नहीं बल्कि दूसरी बार जीते हैं.
रिकॉर्ड तोड़ जीत
रूस में हाल ही में असेंबली (Assembly Election) के चुनाव हुए, जिनमें अभय ने पुतिन के नेतृत्व वाली 'यूनाइटेड रशिया पार्टी' (United Russia) से जीता है. पुतिन ने रूस की कुर्स्क सीट से डेप्यूटेंट का चुनाव जीता है. वो भी साधारण रूप से नहीं बल्कि 70 फीसदी वोट पाकर, जो रूस में अपने आप में रिकॉर्ड है.
शुरूआती जीवन
अभय सिंह पटना (Patna) के रहने वाले हैं, शुरूआती पढ़ाई लोयोला हाई स्कूल (Loyola High School) से पूरी है. वे नब्बे के दशक में डॉक्टरी की पढ़ाई के लिए रूस चले गए, लेकिन कुछ वक्त बाद ही वे राजनीति के क्षेत्र में कूद पड़े. थोड़े वक्त तक भारत में डॉक्टरी की प्रैक्टिस की, इसके बाद फिर रशिया (Russia) जाकर बस गए. अभय ने कड़ी मेहनत कर रूस में कारोबार शुरू किया और आज वे बड़ी संपत्ति के मालिक हैं. अभय रियल एस्टेट के बिजनेस से भी जुड़े रहे हैं.
मुश्किलों का दौर
अभय सिंह के जीवन में संघर्षों की कमी नहीं थी. वे जब 13 साल के थे तब उनके पिता गुजर गए. पढ़ाई के लिए रूस गए, रंग की वजह से कई बार भेदभाव का सामना करना पड़ा. रूस में डेप्यूटेंट जैसे बड़े पद पर पहुंचने वाले अभय सिंह इकलौते भारतीय हैं.
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