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राष्ट्रपति जो बिडेन द्वारा निर्धारित समय सीमा यही बताई गई है।
अफगानिस्तान के काबुल एयरपोर्ट के बाहर हुए आतंकी हमले के बाद भले ही अमेरिका ने ड्रोन हमले से जवाब दिया हो, लेकिन तालिबान का फैलाव बढ़ता जा रहा है। अब खबर है कि काबुल एयरपोर्ट के 3 गेट समेत कुछ इलाकों को अमेरिकी सैनिकों ने छोड़ दिया है, जिसके बाद यहां पर तालिबान का कब्जा हो गया है। समूह के एक अधिकारी ने रविवार को स्थानीय मीडिया को इसकी जानकारी दी है।
रिपोर्ट के मुताबिक, अभी अमेरिकी सैनिकों का हवाईअड्डे के एक छोटे से हिस्से पर नियंत्रण है, जिसमें एक ऐसा क्षेत्र भी शामिल है, जहां हवाईअड्डे का रडार सिस्टम स्थित है। अधिकारी ने बताया कि तालिबान ने करीब दो हफ्ते पहले हवाईअड्डे के मुख्य द्वार पर विशेष बलों की एक इकाई तैनात की थी। साथ ही कहा तालिबान हवाईअड्डे की सुरक्षा और तकनीकी जिम्मेदारी संभालने के लिए तैयार है।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, गुरुवार को काबुल एयरपोर्ट के बाहर आइएसआइएस-के द्वारा किए हमले के बाद इन गेट पर कब्जा किया है। बता दें कि इस आतंकी हमले में कम से कम 13 अमेरिकी सैनिक के साथ करीब 170 लोगों की जान गई थी। इससे पहले पहले तालिबान के एक अधिकारी ने कथित तौर पर कहा था कि अमेरिकी बलों के जाने के बाद समूह के विशेष बल, और तकनीकी पेशेवरों और योग्य इंजीनियरों की एक टीम हवाई अड्डे के सभी प्रभार लेने के लिए तैयार थी। इसके साथ ही सैन्य विमानों सहित दर्जनों विमानों ने शनिवार देर रात एयरपोर्ट से उड़ान भरी थी।
15 अगस्त को तालिबान के अफगानिस्तान पर कब्जे के बाद से काबुल पहले हवाई अड्डे पर तैनात किए गए लगभग 6,000 अमेरिकी और गठबंधन बलों सहित अफगान विशेष बलों की एक इकाई को कथित तौर पर खाली कर दिया गया था। सभी अमेरिकी और गठबंधन बलों के 31 अगस्त को देश छोड़ने की उम्मीद है। राष्ट्रपति जो बिडेन द्वारा निर्धारित समय सीमा यही बताई गई है।
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