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दैनिक जीवन में इस पवित्र स्वास्तिक का उपयोग करने की स्वतंत्रता से वंचित करना है.
अमेरिका, कनाडा, रूस और यूरोप से लेकर पूरी दुनिया में भारतीय मूल के लोगों का डंका बोलता है. भारतीय मूल के लोग जिस देश में भी बसे उन्होंने वहां के नियमों-परंपराओं का मान रखते हुए उसके विकास में योगदान दिया. देश से हजारों मील दूर बैठे एनआरआई (NRI) भारतीय जब और जहां किसी की भलाई के लिए अपना योगदान देते हैं तो हर हिंदुस्तानी का सीना चौड़ा हो जाता है.
भारतीय मूल के लोगों का बोलबाला
अमेरिका (US) की दिग्गज आईटी कंपनियों से लेकर कई देशों की संसद तक में भारतीय मूल के लोगों का बोलबाला है. ऐसे लोग भले ही विदेश में रहते हों लेकिन अपनी परंपराओं, संस्कृतियों और धार्मिक मूल्यों का पालन करते हुए अपने संस्कारों को नहीं भूले हैं. ऐसे में अगर कोई विदेशी किसी भारतीय प्रतीक चिन्ह, मान्यता या प्रथा पर सवाल उठाता है तो उसे सही तरह से अपना जवाब देते हैं.
कनाडा के सांसद ने समझाया 'स्वास्तिक' का मतलब
My statement in Canadian parliament today calling to distinguish between the Hindu religious sacred symbol Swastika and the Nazi symbol of hatred called Hakenkreuz in German or the hooked cross in English pic.twitter.com/1Os0rFTedm
— Chandra Arya (@AryaCanada) February 28, 2022
कुछ ऐसे ही माले में कनाडा के भारतीय मूल के सांसद चंद्र आर्या (Chandra Arya) ने वहां की संसद में भारत में शुभता के प्रतीक चिन्ह 'स्वास्तिक' को लेकर अपनी बात रखी है. चंद्र आर्या ने कहा कि कनाडा जहां विभिन्न धर्मों को मानने वाले दस लाख से ज्यादा लोग रहते हैं. उस देश की संसद में एक कैनेडियाई हिंदू होने के नाते मैं हर किसी से अपील करता हूं कि वो हिंदू धर्म के पवित्र प्रतीक चिन्ह स्वास्तिक का सही अर्थ समझते हुए उसकी तुलना नाजियों के निशान से न करें जिसे जर्मन भाषा में हेकेंक्रूज और अंग्रेजी में हुक्ड क्रॉस कहते हैं.
स्वास्तिक का मतलब सौभाग्य और कल्याणकारी: आर्या
सांसद आर्या ने आगे कहा, 'प्राचीन भारतीय भाषा संस्कृत में स्वास्तिक का मतलब सौभाग्य को लाने वाला और कल्याणकारी होता है. हिंदू धर्म के इस प्राचीन और महान शुभ प्रतीक का उपयोग आज भी हिंदू मंदिरों और घरों में होने वाले धार्मिक और सांस्कृतिक अनुष्ठानों में प्रमुखता से होता है. हमारे घरों के प्रवेश द्वार में ये पूरी आस्था से स्थापित किया जाता है. हमारे दैनिक जीवन में इसका जिक्र होना और दिखना सामान्य प्रकिया है. कृपया इसे नफरत का प्रतीक यानी नाजी सिंबल स्वास्तिक कहना बंद करें.'
'नाजी प्रतीक पर प्रतिबंध का समर्थन'
अपने संबोधन में उन्होंने ये भी कहा कि हम नफरत के नाजी प्रतीक हेकेंक्रेज (Hakenkreuz) या हुक्ड क्रॉस (Hooked Cross) पर प्रतिबंध का समर्थन करते हैं. लेकिन इसे स्वास्तिक कहना हम सभी हिंदू-कनाडाई लोगों की भावनाओं को आहत करता है. ऐसी बातों का जिक्र करना यानी हमें हमारे धार्मिक अधिकारों और दैनिक जीवन में इस पवित्र स्वास्तिक का उपयोग करने की स्वतंत्रता से वंचित करना है.
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