पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान बेहद मुश्किल हालात में हैं। इसकी एक बड़ी वजह फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स ( FATF) की महत्वपूर्ण बैठक है। FATF की इस वर्चुअल बैठक में पाकिस्तान समेत कई देशों को ग्रे लिस्ट से बाहर करने या उन्हें ब्लैक लिस्ट में शामिल करने पर फैसला हो सकता है। क्या चीन और तुर्की इस बार भी उसे बचाने में कामयाब हो पाएंगे। खास बात यह है कि यह बैठक ऐसे समय हो रही है, जब पूरा विपक्ष इमरान सरकार के खिलाफ एकजुट है। ऐसे में एफएटीएफ की पाकिस्तान के खिलाफ कोई एक्शन इमरान सरकार को और मुश्किल में डाल सकता है। खासकर तब जब पाकिस्तान पूरी तरह से आर्थिक रूप से तंग हो चुका है। इसके अलावा पर्ल के हत्यारों की रिहाई का मामला भी उसकी राह में बड़ी बाधा बन सकता है। इस बैठक में एक बड़ा सवाल यह भी होगा कि पाकिस्तान ने अब तक जेयूडी-जैश के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं की।
डेनियल पर्ल के हत्यारों की रिहाई बन सकती है एक बड़ी बाधा
सोमवार को फ्रांस की राजधानी पेरिस में शुरू होने वाली फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स की बैठक में डेनियल पर्ल के हत्यारों की रिहाई का एक नया मुद्दा भी जुड़ सकता है। अमेरिकी पत्रकार डेनियल पर्ल के हत्यारों को जिस तरह से पाकिस्तान की अदालत ने राहत दी है, इसके चलते उसकी मुश्किलें और भी बढ़ सकती हैं। पर्ल के हत्यारों को बरी करने पर पाकिस्तान की अंतरराष्ट्रीय जगत में निंदा हुई थी। पर्ल के हत्यारों को बरी करने वाले फैसले को लेकर अमेरिका समेत तमाम यूरोपीय देशों ने इमरान सरकार को सख्त चेतावनी दी थी। इसके चलते पाकिस्तान को पर्ल के हत्यारों को रिहाई करने के मामले में बैकफुट पर आना पड़ा था।