बड़ी खबर: यूक्रेन की सेना ने आम नागरिकों को दी 10 हजार असॉल्ट राइफल
रूस से युद्ध के बीच यूक्रेन की सेना ने आम नागरिकों को 10 हजार असॉल्ट राइफल दीं है. बता दी कि कई दिनों के कयासों के बाद रूस (Russia) ने गुरुवार सुबह-सुबह यूक्रेन (Ukraine) पर हमला बोल दिया. रूस के इस कदम से पूरी दुनिया चौंक गई. अमेरिका (US) समेत कई देश इसके जवाब में रूस के ऊपर कड़े प्रतिबंध लगाने का ऐलान कर चुके हैं. अमेरिका ने इससे पहले उन दो इलाकों को प्रतिबंधित किया था, जिन्हें यूक्रेन से अलग कर रूस ने स्वतंत्र देश का दर्जा दिया था. अब इस हमले के बाद सीधे रूस को टारगेट करने वाले प्रतिबंध लगाए जा रहे हैं. हालांकि रूस बहुत पहले से इसके लिए तैयार था. अमेरिका और पश्चिमी देशों के प्रतिबंधों से बचने के लिए रूस पिछले कई साल से तैयारी कर रहा था.
इंस्टिट्यूट ऑफ इंटरनेशनल फाइनेंस (IIF) की डिप्टी चीफ इकोनॉमिस्ट एलिना रिबाकोवा (Elina Ribakova) ने इस संबंध में कुछ दिलचस्प जानकारियां दी है. उन्होंने जो आंकड़े साझा किए, उनसे पता चलता है कि रूस लंबे समय से यूक्रेन पर हमला करने की तैयारी कर रहा था. क्रीमिया पर हमले के बाद रूस को जिन मुश्किलों का सामना करना पड़ा था, उससे बचाव की तैयारी पहले ही कर ली गई. जब पुतिन आश्वस्त हो गए कि अब अमेरिका समेत अन्य देशों के आर्थिक प्रतिबंधों का असर मामूली रहने के उपाय कर लिए गए हैं, तब जाकर यूक्रेन बॉर्डर पर रूसी सेना को तैनात किया गया.
रूस के खिलाफ लगाए गए प्रतिबंध बैंकिंग और फाइनेंशियल सेक्टर (Banking & Financial Sector) पर फोकस्ड हैं. अमेरिका ने प्रतिबंध लगाने के बाद कहा भी कि उसका टारगेट रूस को पैसों के लिए तरसा देना है. इसके लिए रूस के कुछ बड़े बैंकों के साथ ही बड़े बिजनेसमैन को भी प्रतिबंधों के दायरे में लाया जा रहा है. रूस को अमेरिका और ग्लोबल पेमेंट मैसेजिंग के एक्सेस से भी दूर कर दिया गया है. आगे रूस के सेंट्रल बैंक 'बैंक ऑफ रशिया (Bank Of Russia)' को भी प्रतिबंधित करने की तैयारी है.
रूस को अच्छे से अंदाजा था कि अगर उसने यूक्रेन पर हमला किया तो ऐसे एक्शन होंगे ही. रूसी सेंट्रल बैंक ने बीते कुछ साल के दौरान अन्य देशों में अपनी संपत्तियों को कम किया. मार्च 2014 से जून 2021 तक के उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, सेंट्रल बैंक ऑफ रशिया ने फ्रांस, अमेरिका, जर्मनी और ब्रिटेन जैसे देशों में अपना एक्स्पोजर 50 फीसदी से ज्यादा कम कर दिया. दूसरी ओर चीन, जापान और अन्य देशों में एक्सपोजर बढ़ाया गया.
रूसी सेंट्रल बैंक ने इसी तरह विदेशी मुद्रा भंडार (Forex Reserve) को बढ़ाने पर ध्यान दिया. आठ साल पहले जो विदेशी मुद्रा भंडार महज 350 बिलियन डॉलर बचा था, वह अभी 630 बिलियन डॉलर पर पहुंच चुका है. यह रूस के विदेशी मुद्रा भंडार का अब तक का रिकॉर्ड स्तर है. सेंट्रल बैंक ने आपात स्थिति के लिए पिछले आठ साल के दौरान सोने की खूब खरीद की. अन्य देशों में एक्सपोजर घटाकर फिजिकल गोल्ड खरीदा गया और रूस में उसका भंडार बनाया गया. यूरो और डॉलर में एक्सपोजर गिराकर 12-14 फीसदी कर दिया गया. दूसरी ओर गोल्ड का एक्सपोजर करीब 25 फीसदी तक पहुंच गया, जो 10 फीसदी से भी कम हुआ करता था. चीन की करेंसी युआन में जीरो एक्सपोजर अब 10 फीसदी से ज्यादा हो चुका है.
रूस ने अमेरिकी बॉन्ड में अपना एक्सपोजर घटाकर लगभग जीरो कर दिया है. ताजा घटनाक्रमों को देखें तो अमेरिका और उसके सहयोगी देशों से एक्सपोजर कम करने के साथ ही कुछ देशों खासकर चीन में एक्सपोजर बढ़ाना बहुत बड़ी कहानी कहता है. चीन ने यूक्रेन पर रूस के इस हमले को 'हमला' मानने से इनकार किया है. अभी तक की चाइनीज डिप्लोमेसी रूस के इस कदम के सपोर्ट में है. अगर चीन रूस को इसी तरह फेवर करता रहा तो अमेरिका और अन्य उसके अन्य सहयोगी देशों की पाबंदियों का असर कमतर हो जाएगा.