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इस वर्ष भी लग रहा है कि उसे पेट्रोल और डीजल की भारी कमी का सामना करना पड़ सकता है.
पहले से ही महंगाई और जरूरी चीजों की कीमतों में होने वाले इजाफे की वजह से पाकिस्तान की इमरान सरकार परेशानी में थी. अब जो खबर आ रही है, उसके बाद टेंशन दोगुनी हो जाएगी. पाकिस्तान की फेडरल इनवेस्टिगेशन एजेंसी (एफआईए) की तरफ से कहा गया है कि देश में एक बार फिर पेट्रोल और जेट फ्यूल की कमी होने वाली है. एफआईए की तरफ से कहा गया है कि एक बार फिर तेल का भंडार सबसे निचले स्तर पर पहुंच गया है.
तेल संकट की जांच जारी
एफआईए ने पिछले वर्ष पाकिस्तान में पैदा हुए तेल संकट की जांच की थी. अब इस एजेंसी की तरफ से कहा गया है कि देश में औसत भंडारण क्षमता बस 73 दिन की ही बची है. ऑयल मार्केटिंग कंपनियों से औसतन 15 दिन का तेल बचा कर रखने को कहा गया है. पाक अखबार एक्सप्रेस की तरफ से इस बात की जानकारी दी गई है. प्रधानमंत्री इमरान खान की तरफ से हाल ही में कहा गया है कि एफआईए तेल संकट की जांच करेगी और इस बात करेगी कि इस संकट के लिए कौन-कौन जिम्मेदार है. पीएम इमरान ने तेल संकट की वजह से पेट्रोलियम मामलों पर सलाह देने वाले नदीम बाबर और पेट्रोलियम सेक्रेटरी को भी पद से हटा दिया था.
20 दिन का तेल बचाकर रखने का आदेश
तेल कंपनियों से कहा गया है कि उन्हें लाइसेंस की शर्तों के मुताबिक कम से कम 20 दिनों का तेल बचाकर रखना होगा. लेकिन अब ऐसा लगता है कि पाकिस्तान एक बार फिर उसी तरह के तेल संकट का सामना करने को मजबूर है जो उसने पिछले वर्ष देखा था. एफआईए के मुताबिक पाकिस्तान में पेट्रोलियम उत्पादों खासतौर पर पेट्रोल की भारी कमी होने वाली है. पाकिस्तान की ऑयल एंड गैस रेगुलेटरी अथॉरिटी (ओगरा) ने इस वर्ष मार्च में एक चिट्ठी लिखी थी जिसमें कहा गया था कि तेल मार्केटिंग कंपनियों को 20 दिनों का तेल बचाकर रखना होगा.
पेट्रोल डीजल की कमी
पेट्रोल के अलावा देश में जेट फ्यूल की भी कमी होने वाली है. कंपनियों के पास 2,654 मीट्रिक टन जेट फ्यूल था जो देश की 4 दिनों की जरूरत को पूरा कर सकता है. कंपनियों ने 364,934 मीट्रिक टन हाई स्पीड डीजल को सुरक्षित रखा है. इतना तेल बस 17 दिनों के लिए ही काफी है. पेट्रोल की बात करें तो कंपनियों ने 35,243 मीट्रिक टन पेट्रोल का भंडारण करके रखा है. इतना पेट्रोल बस एक ही दिन में खत्म हो जाएगा. 57,125 मीट्रिक टन हाई स्पीड डीजल बस 3 दिनों तक ही चलेगा. पाकिस्तान ने पिछले वर्ष पेट्रोल डीजल का बड़ा संकट झेला है. इस वर्ष भी लग रहा है कि उसे पेट्रोल और डीजल की भारी कमी का सामना करना पड़ सकता है.
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