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भूकंप सिर्फ धरती पर ही नहीं आता
भूकंप सिर्फ धरती पर ही नहीं आता. ये दूसरे ग्रहों पर भी आता है. वैज्ञानिकों ने पहली बार अपने सौर मंडल से अलग किसी दूसरे ग्रह पर टेक्टोनिक गतिविधि यानी भूकंपीय गतिविधि देखी है. यह गतिविधि ग्रह की ऊपरी परत की टेक्टोनिक प्लेट हिलने की वजह से उत्पन्न गर्मी की वजह से दर्ज की गई है. आइए जानते हैं कि आखिरकार साइंटिस्ट्स ने सौर मंडल से बाहर किस ग्रह पर यह खोज की है. इसका क्या मतलब होता है.
जर्नल द एस्ट्रोफिजिकल लेटर में यह स्टडी प्रकाशित हुई है. यह ग्रह पृथ्वी से 45 प्रकाश वर्ष दूर है. इस एक्सोप्लैनेट का नाम है- LHS 3844B है. इस ग्रह पर काफी ज्यादा ज्वालामुखी भी हैं. इनमें होने वाले विस्फोट की वजह से ग्रह के एक गोलार्द्ध (Hemisphere) से दूसरे गोलार्द्ध तक टेक्टोनिक प्लेट्स हिलती हैं. यानी यहां काफी ज्यादा भूकंप आता है.
LHS 3844B पृथ्वी से थोड़ा ही बड़ा और चट्टानी ग्रह है. ये एक लाल रंग के बौने तारे (Red Dwarf Star) की परिक्रमा करता है. LHS 3844B अपने मूल तारे से काफी नजदी है. यह इतनी जल्दी अपने तारे का चक्कर लगाता है कि इसका एक साल सिर्फ 11 घंटे के बराबर होता है. सौर मंडल में सूर्य के निकटतम ग्रह बुध के समान, LHS 3844B में भी वायुमंडल का अभाव है. बर्न यूनिवर्सिटी के टोबियास मियर (Tobias Meier) ने कहा कि ये वायुमंडल के अभाव की वजह से हमें ग्रह के अंदर चल रही गतिविधियों का पता लगाना आसान हो गया
Popular at EarthSky: For the first time, scientists have found evidence of tectonic activity on a planet beyond our solar system. 🌋
— EarthSky (@earthskyscience) March 15, 2021
Learn more about this intriguing world, where one hemisphere is pulsing with volcanic activity: https://t.co/IVb4g6Pobo
📸 University of Bern. pic.twitter.com/2FxmrMptQ1
अगर वायुमंडल होता तो ग्रह की सतह के नीचे क्या चल रहा है यह पता लगाना बहुत मुश्किल था. क्योंकि ये सारी गतिविधि आमतौर पर वायुमंडल के नीचे छिपी होती है. LHS 3844B ग्रह अपने मूल तारे से इतना नजदीक है कि वह अपने मूल तारे के साथ टाइडल लॉक हो गया है. यानी उसकी गुरुत्वाकर्षण शक्ति की परिधि में आ गया है. जैसे धरती के सात चंद्रमा लॉक्ड है.
LHS 3844B ग्रह पर दिन का तापमान 800 डिग्री सेल्सियस रहता है. जबकि, रात में ये घटकर -250 डिग्री सेल्सियस हो जाता है. वैज्ञानिकों को संदेह था कि तापमान इतना ज्यादा अंतर आना इस बात का प्रमाण है कि सतह के अंदर भूकंपीय गतिविधि हो रही है.
पृथ्वी पर टेक्टोनिक प्लेट्स पहाड़ों को लिफ्ट करते हैं. भूकंप आने पर ऊपरी सतह हिलने लगती है. जबकि, प्लेट्स के नीचे होने वाली हलचल, दबाव, घर्षण से ज्वालामुखी फट पड़ते हैं. इससे लावा बाहर निकलता है. यही प्रक्रिया दूसरे ग्रहों पर भी होती है. लेकिन वहां वायुमंडल नहीं है, इसलिए तापमान भी ज्यादा रहता है.
LHS 3844B ग्रह को इन गतिविधियों का जांचने के लिए टोबियास मियर की टीम ने कुछ कंप्यूटर सिमुलेशन किए. इन सिमुलेशन से प्लेनेट में टेक्टोनिक प्लेटों और भूगर्भीय विभाजनों का पता चला. ऊपरी सतह की गहराई और ढांचे का पता चला. इससे वैज्ञानिकों को टेक्टोनिक प्लेट्स की मौजूदगी और उनकी हलचल की पुख्ता जानकारी मिली.
इस स्टडी के सह-लेखक और यूनिवर्सिटी ऑफ बर्न के शोधकर्ता डैन बोवर ने बताया कि कंप्यूटर सिमुलेशन से यह नहीं पता चला कि भूकंपीय लहरों का प्रवाह किस तरफ होता है. कभी सिमुलेशन ने दिन से रात में टेक्टोनिक लहरों का प्रवाह बताया तो कभी रात से दिन में. बोवर ने यह नहीं बताया कि प्रवाह किस तरफ होता है, कुछ सिमुलेशन में दिन से रात में प्रवाह होता है तो कुछ में रात से दिन की तरफ
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