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कैंसर को लेकर रिसर्च में बड़ा खुलासा, गोरे लोगों में कैंसर का खतरा ज्यादा

Subhi
5 March 2022 1:26 AM GMT
कैंसर को लेकर रिसर्च में बड़ा खुलासा, गोरे लोगों में कैंसर का खतरा ज्यादा
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कैंसर एक खतरनाक बीमारी है. यह बीमारी जिसे हो जाए उसका बचना बहुत ही मुश्किल होता है. लेकिन हाल ही में एक नई रिसर्च सामने आई है जिसमें चौंकाने वाला खुलासा हुआ है.

कैंसर एक खतरनाक बीमारी है. यह बीमारी जिसे हो जाए उसका बचना बहुत ही मुश्किल होता है. लेकिन हाल ही में एक नई रिसर्च सामने आई है जिसमें चौंकाने वाला खुलासा हुआ है. कैंसर पर रिसर्च करने वाली संस्‍था कैंसर रिसर्च यूके (Cancer Research UK) ने अपनी हालिया रिपोर्ट में कहा है कि अश्‍वेत और एश‍ियाई लोगों में कैंसर (Cancer) होने का खतरा कम है. वहीं, गोरे लोगों में कैंसर का खतरा ज्‍यादा है.

चौंकाते हैं रिसर्च के नतीजे

रिसर्चर्स का कहना है कि इंग्‍लैंड (England) में 2013 से लेकर 2017 के बीच सामने आए कैंसर के मामलों के आधार यह रिसर्च की गई और नतीजे जारी किए गए. इस रिसर्च में सामने आया कि गोरों के मुकाबले, कैंसर का खतरा एश‍ियाई लोगों में 38 फीसदी और अश्‍वेत में 4 फीसदी तक कम होता है. वहीं, मिश्र‍ित लोगों में यह खतरा 40 फीसदी तक कम रहता है.

UK में कैंसर बढ़ती समस्या

BBC में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक गोरे लोगों के मुकाबले अश्‍वेत और एशियाई लोगों में कैंसर को लेकर असमानताएं हैं. रिसर्चर कैटरीना ब्राउन का कहना है, ऐसे लोगों में कैंसर का रिस्‍क अलग-अलग कारणों से होता है, जैसे- इंसान की उम्र और उसे पेरेंट्स से मिले जीन्‍स. उन्होंने कहा कि UK में कैंसर के 40 फीसदी मामलों को लाइफस्‍टाइल में बदलाव करके रोका जा सकता है.

और रिसर्च की जरूरत...

ब्र‍िटिश जर्नल ऑफ कैंसर में छपी रिसर्च बताती है, यूके में कैंसर के मामले बढ़ रहे हैं. इस पर और रिसर्च किए जाने की जरूरत है. रिसर्च के जरिए यह समझा जाएगा कि कैसे अलग-अलग समूह के लोगों में कैंसर विकसित होता है.

नशे से दूर रहने की सलाह

आपको बता दें कि रिसर्चर्स ने इस बात पर भी जोर दिया है कि कैंसर को रोकने के लिए स्‍मोकिंग से दूरी, वजन को कंट्रोल में रखना और समय से जांच का होना जरूरी है. ऐसा करके कैंसर के खतरे को कम कर सकते हैं.


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