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US की रिपोर्ट से हुआ बड़ा खुलासा, ISIS में 66 भारतीय मूल के लड़ाके शामिल

Neha Dani
18 Dec 2021 1:57 AM GMT
US की रिपोर्ट से हुआ बड़ा खुलासा, ISIS में 66 भारतीय मूल के लड़ाके शामिल
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आतंकवादी लड़ाका (एफटीएफ) साल 2020 के दौरान भारत नहीं लौटा.

अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने गुरुवार को आतंकवाद पर देशों की रिपोर्ट 2020 जारी की. इस मौके पर उन्होंने कहा कि भारत संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव UNSCR 2309 को और हवाई अड्डों पर सामान की अनिवार्य 'डुअल स्क्रीन एक्स रे' से जांच क्रियान्वित करने में अमेरिका से साझेदारी कर रहा है. संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद प्रस्ताव 2309 सरकारों से नागरिकों की हवाई यात्रा के दौरान सुरक्षा को सुनिश्चित करने का आश्वासन देता है. अमेरिका की ओर से जारी की गई रिपोर्ट में दावा किया गया है कि नवंबर तक इस्लामिक स्टेट से भारतीय मूल के 66 लड़ाकों के जुड़ने की जानकारी मिली है. इसके अनुसार कोई विदेशी आतंकवादी लड़ाका (एफटीएफ) साल 2020 के दौरान भारत नहीं लौटा.

क्या कहती है रिपोर्ट
भारत-अमेरिका सहयोग पर खास ध्यान देते हुए रिपोर्ट में कहा गया है कि अमेरिका भारत सरकार के साथ रणनीतिक साझेदारी को बढ़ाना जारी रखेगा, जिसमें द्विपक्षीय संबंधों के जरिये जैसे 17वें आतंकवाद रोधी संयुक्त कार्यबल, अक्टूबर में तीसरा 'टू प्लस टू' मंत्री स्तरीय वार्ता शामिल है. इस रिपोर्ट में राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (NIA) सहित भारतीय आतंकवाद रोधी एजेंसियों की सक्रियता से अंतरराष्ट्रीय और क्षेत्रीय आतंकवादी बलों की पहचान करने और रोकने के लिए प्रशंसा की गई है.
34 मामलों की जांच से हुआ खुलासा
रिपोर्ट में कहा गया,' एनआईए ने इस्लामिक स्टेट से जुड़े 34 मामलों की जांच की और 160 लोगों को गिरफ्तार किया जिनमें सितंबर महीने में केरल और पश्चिम बंगाल से अलकायदा से जुड़े 10 सदस्य शामिल हैं.' रिपोर्ट में कहा गया, 'भारत ने आतंकवाद के मामलों की जांच के सिलसिले में अमेरिका द्वारा सूचना देने का आग्रह करने पर समयबद्ध तरीके से जवाब दिया और अमेरिका की सूचना पर आतंकवादी खतरे को असफल बनाने की कोशिश की. पिछले दो सालों में सहयोगात्मक कोशिशों से आतंकवादियों की आवाजाही रोकी गई और अमेरिका और अमेरिकी हितों पर संभावित खतरे को लेकर अमेरिकी अधिकारियों को आगाह किया गया.'
इंटरनेट का इस्तेमाल चिंता का कारण
अमेरिकी रिपोर्ट के मुताबिक भारतीय अधिकारी आतंकवादियों की भर्ती, कट्टरपंथी हिंसा और सांप्रदायिक तनाव फैलाने में इंटरनेट के इस्तेमाल को लेकर चिंतित हैं. अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने कहा कि साल 2020 में भारत ने कई क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर नेतृत्व की सक्रिय भूमिका निभाई जहां पर बहुपक्षीय आतंकवाद निरोधी सहयोग को प्रोत्साहित किया गया.


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