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मौत से पहले के समय को लेकर बड़ा खुलासा, किस बात का होता है पछतावा?

Neha Dani
22 March 2022 9:27 AM GMT
मौत से पहले के समय को लेकर बड़ा खुलासा, किस बात का होता है पछतावा?
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ताकि जीवन के अंतिम पलों में उन्हें भी इस तरह पछताना न पड़े.

व्‍यक्ति पुर्नजन्‍म या मृत्‍यु के बाद आत्‍मा के सफर के बारे में विश्‍वास करे या न करे लेकिन मृत्‍यु के समय कैसा महसूस होता है, यह सभी जानना चाहते हैं. इस बारे में एक बड़ा खुलासा हुआ है. अब इस बात का पता चल गया है कि मरने से पहले व्‍यक्ति के दिमाग में कौन से ख्‍याल आते हैं. वो किन बातों के बारे में सोचता है और किन बातों को लेकर उसे पछतावा होता है.

नर्स ने किया अहम खुलासा
अमेरिकी हॉस्पिटल की एक नर्स ने मृत्‍यु होने से कुछ समय पहले दिमाग में आने वाले ख्‍यालों और होने वाले पछतावों को लेकर एक बड़ा खुलासा किया है. उसने बताया है कि मरने से कुछ देर पहले व्‍यक्ति किन 4 बातों के बारे में सबसे ज्‍यादा सोचता है और पछताता है. द सन की रिपोर्ट के मुताबिक जूली नाम की यह नर्स अमेरिका के एक ऐसे हॉस्पिटल में काम करती है, जिसमें अधिकांश वही पेशेंट आते हैं जो किसी न किसी गंभीर बीमारी से पीड़ित होते हैं और कुछ ही समय के मेहमान होते हैं. इन मरीजों में अधिकांश कैंसर की आखिरी स्‍टेज में होते हैं. इन मरीजों ने मरने से पहले अपनी स्थिति को लेकर कई बातें इस नर्स से शेयर की थीं, जिसके आधार पर जूली ने यह अहम जानकारी साझा की है.
अधिकांश लोगों को होता है एक ही तरह का पछतावा
रिपोर्ट के मुताबिक नर्स कहती हैं कि ज्‍यादातर लोगों को मौत के समय एक जैसा ही पछतावा होता है. उन्‍होंने टिक टॉक पर एक वीडियो शेयर करते हुए बताया है कि लोग अपने जीवन के अंतिम पलों में 4 प्रमुख बातों को लेकर पछताते हैं. पहला, अपनी सेहत का जीवन भर ख्‍याल न रखने का पछतावा. दूसरा, जिंदगी में छोटी-छोटी खुशियों का आनंद न लेने का पछतावा. तीसरा, पूरा जीवन काम में ही गंवा देने का पछतावा और चौथा, अपने परिवार के साथ ज्यादा समय न बिता पाने का पछतावा.
तकरीबन हर मरीज ने कहा कि वे अपने जीवन के हर पल को बेहतर तरीके से जी सकते थे और मरने से पहले पछतावे के दर्द से मुक्ति पा सकते थे. ना ही उन्‍हें अपनी सेहत को इतने हल्‍के में लेना चाहिए था. जूली कहती हैं कि मैं इन बातों को सभी के साथ इसलिए साझा कर रही हूं ताकि लोग इन बातों से सबक लें और जीवन को बेहतर बनाएं. ताकि जीवन के अंतिम पलों में उन्हें भी इस तरह पछताना न पड़े.



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