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रिपोर्ट में बड़ा दावा, ब्रिटेन में हड़कंप, जानें पूरा मामला

jantaserishta.com
1 Aug 2022 3:37 AM GMT
रिपोर्ट में बड़ा दावा, ब्रिटेन में हड़कंप, जानें पूरा मामला
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न्यूज़ क्रेडिट: हिंदुस्तान

नई दिल्ली: इन दिनों ब्रिटिश मीडिया में प्रिंस चार्ल्स और अलकायदा के सरगना रहे ओसामा बिन लादेन की एक खबर सुर्खियों में है। 'संडे टाइम्स' की एक रिपोर्ट में सनसनीखेज दावा किया गया है कि ब्रिटेन के प्रिंस चार्ल्स ओसामा बिन लादेन के परिवार से लंदन में मिले थे और उन्होंने 10 लाख ब्रिटिश पाउंड यानि करीब 10 करोड़ रुपये लिए थे। यह पैसे चैरिटी के नाम पर लिए गए थे।

दरअसल, न्यूज एजेंसी ने 'संडे टाइम्स' के हवाले से बताया है कि प्रिंस ऑफ वेल्स चैरिटेबल फाउंडेशन नामक संस्था ने इतनी बड़ी रकम ओसामा बिन लादेन के सौतेले भाई बकर और शाफिक बिन लादेन से ली थी। यह सब साल 2013 में हुआ था। इतना ही नहीं रिपोर्ट में यह भी दावा किया गया है कि ब्रिटिश रॉयल फैमिली के करीबी सलाहकारों ने अनुरोध किया था कि वह यह रकम वापस कर दें लेकिन ऐसा नहीं हो सका था।
इस खबर के आने के बाद ब्रिटिश मीडिया में हड़कंप मच गया। खबर के बाद प्रिंस चार्ल्स के प्रवक्ता ने सफाई दी कि प्रिंस व्यक्तिगत रूप से इस फैसले में शामिल नहीं थे। चैरिटेबल फाउंडेशन ने बताया है कि पूरी प्रक्रिया का पालन करने के बाद ही इस दान को स्वीकार किया गया था। शेख बकर बिन लादेन से दान स्वीकारने का फैसला अच्छी तरह सोच-विचार कर लिया था। उन्होंने यह भी कहा कि इसमें किसी भी व्यक्ति को बदनाम करने का प्रयास गलत है।
वहीं इस पूरे मामले में चैरिटेबल फाउंडेशन का कहना है कि शेख बकर बिन लादेन से यह राशि 2013 में ली गई। इसे स्वीकार करने से पहले फंड के ट्रस्टी ने इस पर सावधानी के साथ पूरा विचार-विमर्श किया। इसके लिए कई स्रोतों से जानकारी जुटाई गई और पूरी प्रक्रिया का पालन किया गया। यहां तक कि सरकार को भी इस बारे में अवगत कराया गया था।
फिलहाल इस पूरे मामले पर खुद प्रिंस चार्ल्स या रॉयल परिवार से कोई भी बयान सामने नहीं आया है। बता दें कि प्रिंस ऑफ वेल्स के चैरिटेबल फंड की स्थापना 1979 में चैरिटी कार्यों के लिए की गई थी। अलकायदा सरगना ओसामा बिन लादेन अमेरिका में 11 सितंबर 2001 को हुए आतंकी हमले का मास्टरमाइंड था। इस हमले में अमेरिका के वर्ल्ड ट्रेड टॉवर्स को गिरा दिया गया था और हमले में करीब 3000 लोगों की मौत हुई थी, जिसमें 67 लोग ब्रिटेन के थे।

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