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चीनी सेना के अंदर हुआ बड़ा बदलाव, आखिर ड्रैगन के पास कौन से हैं खतरनाक शस्‍त्र

Neha Dani
4 Jan 2022 11:22 AM GMT
चीनी सेना के अंदर हुआ बड़ा बदलाव, आखिर ड्रैगन के पास कौन से हैं खतरनाक शस्‍त्र
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हालांकि यह सत्‍य है कि ज्‍यादातर हथियारों की वास्तविक लड़ाई में आजमाया जाना बाकी है।

चीन के राष्‍ट्रपति शी चिनफ‍िंग के सत्ता में रहते हुए चीनी सेना के अंदर बड़ा बदलाव आया है। यह दुनिया की अधिक सक्षम और विश्व स्तरीय आधुनिक सेना बनी है। चीन ने अपनी सैन्‍य ताकत में इतना इजाफा कर लिया है कि वह अमेरिका की भी नहीं सुन रहा है। वह अमेरिका को एक तरह से खुली चुनौती दे रहा है। ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर अपने किन हथियरों के बल पर चीन इतराता है। क्‍या उसकी सैन्‍य क्षमता इतनी बढ़ गई है कि वह अमेरिका जैसे महाशक्तिशाली देश को चुनौती दे सके। आइए जानते हैं कि आखिर चीन के पास कौन-कौन से खतरनाक हथियार हैं, ज‍िससे अमेरिका भी घबड़ाता है।

1- हाल में चीनी राष्‍ट्रपति चिनफ‍िंग ने कहा था कि उन्‍होंने सेना को आधुनिक बनाया है। चीनी राष्‍ट्रपति ने कहा कि युद्ध लड़ने और जीतने के लिए उन्‍होंने एक ताकतवर सेना तैयार की है। सात वर्ष पूर्व चीनी सेना में पीएलए राकेट फोर्स की स्‍थापना हुई थी। इस सेना ने पहली बार वर्ष 2015 सैन्‍य परेड में प्रदर्शन किया था। इस सेना ने पांच माडल प्रदर्शित किए थे, जिनमें नए और पुराने दोनों तरह के माडल थे। इसमें परंपरागत राकेट से लेकर परमाणु मिसाइल तक शामिल थे।
2- इसमें नई जनरेशन की डागफेंग डीएफ-31एजी इंटरकांटिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल शामिल है। इसकी मारक क्षमता 10,000 किलोमीटर तक मार कर सकता है। इसके अलावा मध्‍यम दूरी की मार करने वाली बैलिस्टिक मिसाइल डीएफ-21डी भी है। इस मिसाइल को कैरियर किलर भी कहा जाता है। गत वर्ष चीनी सेना की परेड के दौरान करीब 16 डीएफ-31एजी मिसाइल को दिखाया था। इस मिसाइल को डीएफ-31ए का विकसित रूप माना जाता है।
3- इस दौरान चीन ने अपने नए डिफेंस मिसाइल का भी प्रदर्शन किया था। इसमें एचक्‍यू-9बी और एक्‍यू-22 मिसाइल शामिल थे। एचक्‍यू-9बी जमीन से हवा में मार करने में सक्षम है। एचक्‍यू-22 विमान और क्रूज मिसाइलों को रोकने में काम आता है। एचक्‍यू-9बी मोबाइल एयर डिफेंस सिस्‍टम एचक्‍यू-9 का विकसित रूप है। चीन ने इसे विवादित दक्षिण चीन सागर में तैनात किया गया है।
4- चीन अपने जे-16 विमान पर भी इतराता है। पिछले वर्ष जे-16 फाइटर जेट को पहली बार पेश किया था। यह जे-11बी तकनीक पर विकसित किया गया है। यह कहा जाता है कि यह सुखोई-30 एमकेके का ही संशोधित रूप है। जे-16 दो सीटों वाला फाइटर विमान है। इस विमान में दो इंजन हैं। यह हवा से हवा में और हवा से पानी पर भी मार करने में सक्षम हैं। इस विमान को नौसेना के लिए तैयार किया गया है। जंग के दौरान जे-16 की जबरदस्‍त क्षमता है। इसमें लगा रडार दुनिया का सबसे बेहतरीन रडार है। चीन का फाइटर जेट जे-20 चौथी जेनरेशन का फाइटर है। जे-20 फाइटर विमान लंबी दूरी तक मार करने में सक्षम है।
5- पिछले वर्ष चीन ने अपने अत्याधुनिक इलेक्ट्रानिक युद्ध उपकरणों को दुनिया के सामने दिखाया था। चीन ने पहली बार अपनी सूचना तंत्र की क्षमता को सार्वजनिक तौर पर प्रदर्शित किया। इस दौरान जंग के मैदान में दुश्मनों के रडार को नकाम करने वाले 16 इलेक्ट्रानिक उपकरणों को प्रदर्शित किया गया था। इसके अलावा दो इलेक्ट्रानिक टोही वाहन भी प्रदर्शित किए गए थे। ये दोनों ही दुश्मनों के सिस्टम को पहले ही रोकने और उसे अक्षम बनाने की क्षमता रखते हैं।
6- चीनी सेना के आधुनिकीकरण के साथ ही ड्रैगन इस मामले में अमरीका के करीब पहुंचता जा रहा है। इन हथियारों को देखकर लगता है कि पीएलए ने 1927 में नानचांग में अपने उदय से लेकर अब तक में काफी दूरी तय कर ली है। हालांकि यह सत्‍य है कि ज्‍यादातर हथियारों की वास्तविक लड़ाई में आजमाया जाना बाकी है।


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