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BIG BREAKING: यूक्रेन जंग में परमाणु हमले का खौफ बढ़ा, न्यूक्लियर ब्रीफकेस के साथ दिखे रूसी राष्ट्रपति पुतिन
jantaserishta.com
13 April 2022 7:03 AM GMT
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मास्को: यूक्रेन पर रूसी सेना के हमले का आज 49वां दिन है और दोनों पक्षों के बीच भीषण जंग जारी है। इस बीच रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन अपने दोस्त और बेलारूस के तानाशाह अलेक्जेंडर लुकाशेंको के साथ मंगलवार को अंतरिक्ष केंद्र का दौरा किया। इस दौरान पुतिन के साथ पूरी दुनिया को तबाह करने में सक्षम 'न्यूक्लियर फुटबाल' नजर आया। पुतिन ने अंतरिक्ष केंद्र में कहा कि रूस अब कभी भी पश्चिमी देशों पर निर्भर नहीं होगा। माना जा रहा है कि पुतिन ने न्यूक्लियर फुटबाल का प्रदर्शन करके यूक्रेन जंग के बीच दुनिया के सामने अपनी ताकत को दिखाया है।
पुतिन के साथ उनका बॉडीगार्ड यह 'न्यूक्लियर फुटबाल' लेकर चल रहा था। काले रंग के इस ब्रीफकेस की मदद से पुतिन दुनिया में कहीं भी परमाणु हमला कर सकते हैं। पुतिन और लुकाशेंको के हेलिकॉप्टर से उतरने की तस्वीर सामने आई है। इससे पहले पिछले सप्ताह एक अंतिम संस्कार कार्यक्रम के दौरान भी पुतिन अपने परमाणु ब्रीफकेस के साथ नजर आए थे। रूस दुनिया की सबसे बड़ी परमाणु ताकत है। फेडरेशन ऑफ अमेरिकन साइंटिस्ट्स संस्था की रिपोर्ट के मुताबिक रूस के पास 5,977 परमाणु हथियार हैं।
रूस जमीन, हवा और पानी हर जगह से परमाणु बम दागने की क्षमता रखता है। पुतिन ने पश्चिमी देशों को डराते हुए कहा कि रूस अब कभी भी पश्चिमी देशों पर निर्भर नहीं होगा। उन्होंने यह भी कहा कि यूक्रेन पर हमले को लेकर उन्हें कोई संदेह नहीं है। पुतिन ने यूक्रेन जंग पर कहा, 'ये लक्ष्य पूरी तरह से स्पष्ट और उत्कृष्ट है। यह स्पष्ट है कि हमारे पास कोई विकल्प नहीं है। यह एक ठीक फैसला था।' पुतिन ने यह भी कहा कि रूस यूक्रेन में तब तक सैन्य अभियान जारी रखेगा जब तक कि उसका मकसद पूरा नहीं हो जाता है।
रूसी राष्ट्रपति ने कहा कि यूक्रेन अभियान योजना के मुताबिक चल रहा है। पुतिन ने यूक्रेन जंग में इतना ज्यादा समय लगने पर सफाई दी कि यह तेजी से आगे नहीं बढ़ रहा है क्योंकि रूस नुकसान को कम करना चाहता है। उन्होंने कहा, '(यूक्रेन में) सैन्य अभियान तब तक जारी रहेगा जब तक कि यह पूरा नहीं हो जाता और निर्धारित लक्ष्यों को हासिल नहीं कर लिया जाता है।' रूस के राष्ट्रपति ने दावा किया कि यूक्रेन इस्तांबुल में रूसी वार्ताकारों के साथ बातचीत के दौरान किए गए प्रस्तावों से पीछे हट गया, जिसके परिणामस्वरूप वार्ता में गतिरोध पैदा हो गया और रूस के पास अपने आक्रामक रवैये के साथ आगे बढ़ने के अलावा कोई अन्य विकल्प नहीं बचा है।
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