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स्पेस में बड़ा हादसा: आज ही सोयूज 11 मिशन के दौरान इन तीनों एस्ट्रोनोट्स की हुई मौत

Neha Dani
30 Jun 2021 7:32 AM GMT
स्पेस में बड़ा हादसा: आज ही सोयूज 11 मिशन के दौरान इन तीनों एस्ट्रोनोट्स की हुई मौत
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डिकंप्रेशन की वजह से एस्ट्रोनोट्स की मौत हो गई. इनकी मौत पृथ्वी की कक्षा में प्रवेश करने से पहले ही हो गई थी.

इंसानों के रहने के लिए एक क्रूर जगह है. दुनियाभर की स्पेस एजेंसियों के एस्ट्रोनोट्स ने स्पेस की यात्रा की है. लेकिन अभी तक सिर्फ तीन लोगों की ही स्पेस में मौत हुई है. ये तीन लोग रूसी स्पेस एजेंसी Roscosmos के एस्ट्रोनोट्स थे. आज ही के दिन सोयूज 11 मिशन (Soyuz 11 mission) के दौरान इन तीनों एस्ट्रोनोट्स की मौत हो गई. मरने वाले इन एस्ट्रोनोट्स में जॉर्जी डोब्रोवोल्स्की, व्लादिस्लाव वोल्कोव और विक्टर पाटसेव शामिल थे. भले ही सोयूज मिशन का अंत दुखदायी हुआ, लेकिन इसका अधिकतर हिस्सा काफी अच्छा रहा था.

30 जून 1971 को सोवियत यूनियन (Soviet Union) की रिट्रिवल टीम कजाकिस्तान में एक दूरस्थ क्षेत्र में सोयूज 11 के एस्ट्रोनोट्स की वापसी का बेसब्री से इंतजार कर रही थी. लेकिन तभी टीम के एक हेलिकॉप्टर को पास में ही सोयूज स्पेसक्राफ्ट के मॉड्यूल का जला हुआ पैराशूट दिखाई दिया. दरअसल, पृथ्वी की कक्षा में प्रवेश करने के दौरान ये स्पेसक्राफ्ट क्रैश हो गया था. टीम घटनास्थल पर पहुंची और इसने मॉड्यूल के हैच को खोला. इसके बाद टीम को जो दिखाई दिया और वो बेहद ही दुखदायी था. इस मॉड्यूल में सवार तीनों एस्ट्रोनोट्स की मौत हो गई थी
अमेरिका के मून मिशन का जवाब था सोयूज मिशन
इस घटना के सामने आने से पहले तक सोयूज 11 मिशन बिल्कुल ठीक तरह से जा रहा था. टीम ने 23 दिनों से अधिक समय ऑर्बिट में गुजारा और इस दौरान तीनों एस्ट्रोनोट्स इतिहास के पहले स्पेस स्टेशन पर ठहरे. दरअसल, सोवियत यूनियन का ये मिशन अमेरिका के चांद पर मानव को भेजने के मिशन का जवाब था. चार अक्टूबर 1957 को सोवियत यूनियन ने इतिहास के पहले आर्टिफिशियल सैटेलाइट स्पुतनिक को अंतरिक्ष में भेजा. लेकिन इसके बाद से उसे स्पेस के क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय ख्याति नहीं मिल पाई थी.
मौत की वजह को लेकर हुए कई दावे
हालांकि, अमेरिका को पछाड़ने के बाद भी ये मिशन एक बदनामी के तौर पर उभरा, क्योंकि सोयूज मिशन के एस्ट्रोनोट्स धरती पर लौटने के दौरान मारे गए. इस हादसे के बाद तीखी बहस शुरू हो गई. NASA का कहना था कि इन एस्ट्रोनोट्स की मौत मानसिक तनाव की वजह से हुई. लेकिन बाद में माना गया कि इनकी मौत की वजह एक जहरीला पदार्थ था, जो मॉड्यूल तक पहुंच गया था. इस हादसे को लेकर तरह-तरह के दावे किए जा रहे थे.
आखिर कैसे हुई एस्ट्रोनोट्स की मौत?
हादसे को लेकर अंतिम निष्कर्ष ये निकला कि एक टूटे हुए ब्रीथिंग वॉल्व की वजह से इन लोगों को डीकंप्रेशन का सामना करना पड़ा, जो इनकी मौत की वजह बना. डिकंप्रेशन के दौरान अचानक ही हवा के दबाव में भारी गिरावट आ जाती है. इससे इंसानों के फेफड़ों में हवा फैलने लगती है और शरीर के महत्वपूर्ण अंगों के नाजुक टिशू फट जाते हैं. डिकंप्रेशन की वजह से शरीर के भीतर मौजूद सॉफ्ट टिशू के भीतर का पानी भाप बनने लगता है. इससे सूजन आने लगती है. वहीं, वॉल्व टूटने से हो रही गैस की लीकेज और डिकंप्रेशन की वजह से एस्ट्रोनोट्स की मौत हो गई. इनकी मौत पृथ्वी की कक्षा में प्रवेश करने से पहले ही हो गई थी.


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