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बाइडन के विशेष दूत जॉन केरी: नवीकरणीय ऊर्जा उत्पादन में भारत की मदद करेगा अमेरिका

Neha Dani
16 May 2021 10:37 AM GMT
बाइडन के विशेष दूत जॉन केरी: नवीकरणीय ऊर्जा उत्पादन में भारत की मदद करेगा अमेरिका
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इस तरह के किसी भी गैरकानूनी फैसले के खिलाफ अपने हितों की रक्षा का अधिकार है।

अमेरिका ने कहा है कि उसने जलवायु परिवर्तन पर भारत से हाथ इसलिए मिलाया है, ताकि वह 450 गीगावाट नवीकरणीय ऊर्जा उत्पादन का लक्ष्य हासिल करने में उसकी मदद कर सके। जलवायु परिवर्तन पर बाइडन प्रशासन के विशेष दूत जान केरी ने अमेरिकी सांसदों से कहा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 450 गीगावाट नवीकरणीय ऊर्जा का उत्पादन करने की प्रतिबद्धता जताई है। हमने भारत से इसलिए हाथ मिलाया है, क्योंकि उनके पास इसके लिए जरूरी पैसे और पूर्ण तकनीक का अभाव है। इसलिए हम उनकी मदद करने का प्रयास कर रहे हैं। हम उन्हें तकनीक देंगे। हम उन्हें वित्तीय मदद देंगे। और वे इस काम को संभव कर दिखाएंगे। उन्होंने कहा कि भारत द्वारा कार्बन उत्सर्जन में कमी लाए जाने की जरूरत है। केरी जलवायु परिवर्तन पर अमेरिका के पहले ऐसे दूत हैं, जिनका दर्जा कैबिनेट मंत्री के बराबर का। इसके अलाव उन्हें राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद का हिस्सा भी बनाया गया है। दक्षिण कैरोलिना से सांसद जो विल्सन ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने भारत की जनता के लिए एक बड़ा काम किया है।

विदेश में भारत की संपत्ति जब्त करने की राह पर केयर्न
ब्रिटेन की केयर्न एनर्जी पीएलसी ने अमेरिका की एक अदालत में मुकदमा दायर कर एयर इंडिया की विदेश स्थित संपत्ति जब्त करने का अधिकार मांगा है। कंपनी ने कहा है कि एयर इंडिया भारत सरकार की कंपनी के रूप में सरकार की संपत्ति है। एक अंतरराष्ट्रीय विवाद निपटान न्यायाधिकरण ने केयर्न एनर्जी और भारत सरकार के टैक्स विवाद मामले में कंपनी के पक्ष को सही ठहराया था। न्यायााधिकरण ने भारत सरकार को निर्देश दिया था कि वह केयर्न एनर्जी को कुल 1.72 अरब डॉलर लौटा दे। हालांकि सरकार ने इस फैसले को अपने संप्रभु अधिकारों में दखल मानते हुए इसके खिलाफ अपील की है। सूत्रों के मुताबिक भारत सरकार ने भी इस मामले में अपना पक्ष रखने के लिए अदालत में अधिवक्ताओं के एक दल को नियुक्त किया है। कंपनी यह कदम इसलिए उठा रही है क्योंकि भारत सरकार अंतरराष्ट्रीय विवाद निपटान न्यायाधिकरण के फैसले पर अमल नहीं कर रही है। वहीं, भारत सरकार का कहना है कि उसे इस तरह के किसी भी गैरकानूनी फैसले के खिलाफ अपने हितों की रक्षा का अधिकार है।


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