जनता से रिश्ता वेबडेस्क| अमेरिकी चुनाव को लेकर दुनियाभर में सट्टेबाजी कर रहे लोगों में भी जबरदस्त उत्साह है. एक रिपोर्ट के अनुसार, इस चुनाव के लिए करीब 1 अरब डॉलर (करीब 7450 करोड़ रुपये) का सट्टा लगा है, जो साल 2016 के मुकाबले दोगुना है. डेमोक्रेटिक पार्टी के उम्मीदवार जो बिडेन पर ज्यादा लोग दांव लगा रहे हैं, वे सट्टेबाजों के फेवरेट हैं. यानी ज्यादातर सट्टेबाजों को लग रहा है कि बिडेन चुनाव जीतेंगे.
आज है चुनाव
हालांकि मुकाबला काफी कांटे का है. गौरतलब है कि अमेरिका में आज यानी 3 नवंबर को राष्ट्रपति चुनाव है, आज वहां आखिरी वोटिंग है. इस चुनाव में एक तरफ रिपब्लिकन पार्टी की तरफ से मौजूदा राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप फिर से मैदान में हैं. वहीं, डेमोक्रेटिक पार्टी के उम्मीदवार जो बिडेन उनको कड़ी टक्कर दे रहे हैं. सट्टेबाज जो बिडेन की जीत को लेकर ज्यादा दांव लगा रहे हैं. इंटरनेशल मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार यह दुनिया का सबसे बड़ा सट्टा हो सकता है.
रिकॉर्ड सट्टेबाजी
चुनाव शुरू होने तक सट्टेबाजी की रकम 1.3 अरब डॉलर तक पहुंच सकती है. अभी दुनिया में सबसे ज्यादा सट्टा फुटबॉल मैचों के लिए लगता रहा है, लेकिन इस बार का अमेरिकी चुनाव इसे पीछे छोड़ सकता है. वहां कई ऐसी वेबसाइट हैं जहां लोग इस चुनाव के लिए दांव लग रहे हैं. इसके अलावा ब्रिटेन, न्यूजीलैंड, कनाडा की कई वेबसाइट से भी लोग अमेरिकी चुनाव के लिए सट्टा लगा रहे हैं.
किसकी जीत पर ज्यादा दांव
न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक न्यूजीलैंड की वेबसाइट PredictIt पर बिडेन पर 68 सेंट तो ट्रंप पर महज 39 सेंट का दांव लगाया जा रहा है. ब्रिटेन की कंपनी Betfair एक्सचेंज पर भी हो रही सट्टेबाजी के मुताबिक बिडेन के जीतने के चांस 65 फीसदी और ट्रंप के महज 35 फीसदी हैं.
PredictIt के पब्लिक इंगेजमेंट के प्रमुख विल जेनिंग्स के मुताबिक 14 स्विंग वाले राज्यों में से 10 में बिडेन के पक्ष में ज्यादा लोग दांव लगा रहे हैं. इसी तरह Betfair एक्सचेंज पर 12 स्विंग वाले राज्यों में से सात में बिडेन लीड कर रहे हैं.
हालांकि BC bettors नामक साइट पर 44 फीसदी लोग राष्ट्रपति ट्रंप के फिर से जीतने पर दांव लगा रहे हैं, जबकि सिर्फ 27 फीसदी लोग बिडेन के जीतने पर दांव लगा रहे हैं. गौरतलब है कि कई ओपिनियन पोल में भी बिडेन को ज्यादा लोग पसंद करते दिख रहे हैं.
कितना भरोसेमंद
गौरतलब है कि अमेरिका में इन सट्टेबाजों के दांव को काफी मजबूत संकेत माना जाता है. वहां के पिछले 50 साल के सट्टेबाजी के इतिहास में सट्टेबाज ने जिन कैंडिडेट को विजेता बताया हैं उनमें हर चार में से तीन को वास्तव में जीत मिली है, यानी यह दांव करीब 75 फीसदी मामलों में सही हुआ है.