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बाइडन ने रूस यूक्रेन जंग के बीच पूर्व अधिकारी को भेजा ताइवान
ताइपे, एजेंसी। यूक्रेन संकट के बीच अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने देश के पूर्व रक्षा अधिकारी की अगुआई में एक प्रतिनिधिमंडल ताइवान भेजा है। यह प्रतिनिधिमंडल मंगलवार को इस द्वीपीय क्षेत्र की राजधानी ताइपे पहुंचा। यह दौरा ऐसे समय हो रहा है, जब ताइवान को चीन से खतरा बढ़ गया है। खास बात यह है कि अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल का ताइवान दौरा ऐसे समय हो रहा है, जब रूस ने यूक्रेन पर हमला बोल दिया है।
चीन इस क्षेत्र को अपना मानता है और इस पर बलपूर्वक कब्जे की धमकी भी दे चुका है। चीन ने इस दौरे की आलोचना करते हुए कहा कि ताइवान के प्रति अपना समर्थन प्रदर्शित करने के लिए अमेरिका का किसी को भेजना व्यर्थ कदम है।अमेरिका के ज्वाइंट चीफ आफ स्टाफ के पूर्व चेयरमैन माइकल मुलेन की अगुआई में पहुंचा प्रतिनिधिमंडल दो दिनों की यात्रा में ताइवान के राष्ट्रपति त्साइ इंग-वेन और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों से मुलाकात करेगा। ताइवान विदेश मंत्रालय ने कहा कि पूर्व अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोंपियो भी बुधवार को ताइवान पहुंच रहे हैं।
अमेरिका को यह चिंता सता रही है कि नाटो सदस्य देशों के तमाम प्रयासों के बावजूद रूस ने यूक्रेन पर हमला कर दिया। इसके बाद पश्चिमी देश व अमेरिका ने उसे कोई सैन्य ताकत मुहैया नहीं कराई। अलबत्ता इन देशों ने उसे सैन्य साजो समान जरूर मुहैया कराया है। उधर, युद्ध के पहले अमेरिका ने रूस को धमकाते हुए कहा था कि अगर उसने यूक्रेन के साथ युद्ध किया तो उसको गंभीर परिणाम भुगतने होंगे, लेकिन जब रूस ने जंग की शुरुआत की तब उसने यूक्रेन को कोई फौजी सहायता नहीं दी। अफगानिस्तान के बाद यूक्रेन के साथ इस रवैये से उसकी साख को कहीं न कहीं ठेस पहुंची है। चीन का ताइवान के प्रति आक्रामक रुख को देखते हुए अमेरिका ने शायद ताइवान को भरोसा देने की कोशिश की है।
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