विश्व
बाइडन ने ओक गुरुद्वारा गोलीबारी के पीड़ितों को किया याद, नक्सली हिंसा में सात लोगों की हुई थी हत्या
Rounak Dey
6 Aug 2021 8:31 AM GMT
x
नए प्रशासन में नस्लवाद की कोई जगह नहीं होगी। वो हर किसी के राष्ट्रपति होंगे।
विस्कानसिन स्थित गुरुद्वारे पर नौ साल पहले एक नस्ली श्वेत ने जमकर गोलीबारी कर सिखों की हत्या की थी। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने माना कि वैश्विक महामारी के दौर में एशियाई-अमेरिकियों के खिलाफ नफरत से भरे अपराधों में बढ़ोतरी हुई है। विगत पांच अगस्त, 2012 को एक बंदूकधारी श्वेत ने नस्ली हिंसा को अंजाम देते हुए सात लोगों की हत्या कर दी थी।
बाइडन ने शुक्रवार को व्हाइट हाउस में रिपोर्टर को बताया कि आज के दिन वह इस त्रासदी से प्रभावित सभी लोगों का सम्मान करते हैं। उन्होंने एशियाई-अमेरिकी लोगों से मुलाकात करने के बाद सिविल अधिकारों के कार्यकर्ताओं से मुलाकात के बाद कहा कि कोविड-19 के दौरान नफरत के कारण किए जाने वाले अपराधों में बढ़ोतरी हुई है। उनके विचार से वैश्विक महामारी के कारण जो तकलीफें बढ़ीं हैं, उनके कारण भी एशियाई अमेरिकियों के खिलाफ नफरत वाले अपराधों, उत्पीड़न आदि के मामलों में इजाफा हुआ है। व्हाइट हाउस में हुई बाइडन की इस बैठक में कई भारतीय अमेरिकियों को भी आमंत्रित किया गया था।
श्रद्धांजलि सभा में शामिल एक पीड़ित ने बताया कि इसी दिन 2012 को वह अपने एक मोना सरदार मित्र के साथ गुरुद्वारे में मौजूद थे। ओक क्रीक स्थित सिख मंदिर में एक नफरत भरे घटनाक्रम में एक श्वेत नस्ली ने दस लोगों को गोली मार कर हताहत कर दिया। विस्कानसिन में उस दिन सात लोगों की जान चली गई।
बता दें कि पिछले कुछ समय में अमेरिका में नस्ली हिंसा बढ़ी है। बाइडन ने नस्लभेद के संबंध में सभी संघीय एजेंसियों को इसको खत्म करने को कहा है। साथ ही उन्होंने ये भी कहा है कि नस्लवाद को देश में मजबूत करने वाली सभी नीतियों की दोबारा समीक्षा की जानी चाहिए जिससे इस बुराई को खत्म करने में मदद मिल सके। इसके अलावा उन्होंने 2020 की जनगणना से संबंधित ट्रंप के उन दो आदेशों को भी रद्द कर दिया है जो पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने कार्यकाल में दिए थे। बाइडन ने संघीय कर्मचारियों को नैतिकता की प्रतिज्ञा लेने का भी आदेश दिया। उन्होंने अपने शपथ ग्रहण के बाद जो भाषण दिया था उसमें भी उन्होंने कहा था कि अब नए प्रशासन में हर व्यक्ति की आवाज सुनी जाएगी। नए प्रशासन में नस्लवाद की कोई जगह नहीं होगी। वो हर किसी के राष्ट्रपति होंगे।
Next Story