
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने बैथेलहम में शुक्रवार को कहा कि फलस्तीन के लोगों की स्वतंत्र राष्ट्र की मांग पूरी होना अभी संभव नहीं दिख रहा है। उन्होंने कहा कि पश्चिमी तट की यात्रा के दौरान उन्होंने इस्राइल और फलस्तीन के बीच अधर में लटकी शांति प्रक्रिया को फिर ले शुरू कराने का प्रयास किया, लेकिन उन्हें निराशा का सामना करना पड़ा। मुलाकात के बाद वे सऊदी अरब के लिए रवाना हो गए। जिसके बाद वह ऐसे पहले अमेरिकी राष्ट्रपति बन गए हैं, जिन्होंने सीधे इस्त्राइल से सीधे सऊदी अरब से उड़ान भरी है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, उनकी ये उड़ान ईरान के बढ़ते खतरे के बीच दोनों देशों के बीच संबंधों को गर्म कर सकती है। जो बाइडन के सऊदी पहुंचने के बाद सऊदी के प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने यहां शाही महल में राष्ट्रपति के रूप में पहली बार अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन का स्वागत और मुलाकात की।
बाइडन वली अहद मोहम्मद और अन्य सलाहकारों के साथ होने वाली बैठक से पहले सऊदी अरब के शाह सलमान से मुलाकात कर सकते हैं। शाह सलमान, मोहम्मद बिन सलमान के पिता हैं। सऊदी अरब में मानवाधिकारों के उल्लंघन को लेकर अमेरिकी आलोचनाओं का सामना करने के बावजूद दोनों देश अपनी दीर्घकालिक साझेदारी को और मजबूत करने पर ध्यान केंद्रित कर सकते हैं।
गौरतलब है कि अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन इन दिनों मध्य पूर्व के दौरे पर हैं। उन्होंने एक दिन पहले ही इस्त्राइली पीएम यैर लापिद से ईरान के तेजी से बढ़ रहे एटमी कार्यक्रम पर चर्चा की थी। इस्राइली नेता ने ईरान को एटम संपन्न न होने देने का संकल्प लिया। शुक्रवार को सऊदी अरब दौरे पर रवाना होने से पहले बाइडन ने लापिद से क्षेत्र के एकीकृत होने पर जोर दिया।
शुक्रवार को बेथलेहम में उन्होंने फलस्तीन के राष्ट्रपति महमूद अब्बास से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने यद्यपि फलस्तीनियों के लिये 31.6 करोड़ अमेरिकी डॉलर की वित्तीय सहायता की घोषणा की। इस दौरान शांति वार्ता को लेकर उन्होंने कहा कि वार्ता को फिर से शुरू करने के लिए जमीन अभी तैयार नहीं हुई है इसके बावजूद अमेरिका और मेरा प्रशासन दोनों पक्षों को करीब लाने के प्रयासों से पीछे नहीं हटेंगे। उन्होंने कहा कि ये जमीन दोनों देशों के लिए है। उन्होंने ये भी कहा कि दोनों देश (फलस्तीन और इस्त्राइल) शांति और सुरक्षा में कंधे से कंधा मिलाकर रह रहे हैं।
हालांकि इस धन में से एक तिहाई के लिए अमेरिकी कांग्रेस (संसद) की मंजूरी की जरूरत होगी। इस बात की भी संभावना है कि वे फलस्तीनियों के लिए संचार संपर्क प्रणाली को आधुनिक बनाने के लिए इस्राइल की प्रतिबद्धता पर कुछ कहें। बाइडन फलस्तीनी राष्ट्र के लिए अपना समर्थन जता सकते हैं लेकिन इसके लिए आगे का कोई स्पष्ट रास्ता नहीं है। गंभीर शांति वार्ता का अंतिम दौर एक दशक से भी अधिक समय पहले अटक गया था, जिससे लाखों फलस्तीनी वेस्ट बैंक में इस्राइली सैन्य शासन के अधीन रह रहे हैं। जबकि इस्राइल वेस्ट बैंक क्षेत्र में बस्तियों का लगातार विस्तार कर रहा है।
बाइडन के रास्ते में जुटे फलस्तीन समर्थक
बाइडन के एक स्थानीय अस्पताल के दौरे से पहले पूर्वी येरूशलम में करीब दो दर्जन फलस्तीन समर्थक प्रदर्शनकारी एकत्र हो गए। ये सभी पत्रकार शिरीन अबू अकलेह के झंडे-पोस्टर पकड़े थे जो मई में वेस्ट बैंक में इस्राइली सैन्य हमले के दौरान मारी गई थीं। बाइडन फलस्तीनी राष्ट्रपति महमूद अब्बास से मिलने बेथलहम जाने से पहले अगस्ता विक्टोरिया अस्पताल का दौरा कर रहे थे।