अमेरिका के राष्ट्रपति के रूप में जो बाइडन की पहली विदेश यात्रा ने उनकी सरकार की बाकी दिनों के लिए सोच का खाका खींच दिया। जी 7 शिखर सम्मेलन, नाटो समिट और अंत में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात में बाइडन ने स्पष्ट कर दिया कि अमेरिका अपनी हैसियत से जरा सा भी पीछे हटने नहीं जा रहा। चीन से निपटने के लिए बाइडन ने अमेरिकी नेतृत्व की हामी भर दी तो रूस को भी जता दिया कि वह उसकी मनमानी बर्दाश्त नहीं करने वाले। साथ ही व्लादिमीर पुतिन को बताया कि वह रूस के विरोधी नहीं। दोनों देशों ने संबंधों को पटरी पर लाने की शुरुआत कर दी है। जल्द ही वाबाइडन ने खींची स्पष्ट लकीर, रूस और चीन को दिया ये साफ संदेशशिंगटन और मॉस्को में राजदूतों की वापसी हो जाएगी। परमाणु हथियारों की संख्या को सीमित रखने के संबंध में नई संधि के लिए और साइबर सिक्युरिटी का फ्रेमवर्क तैयार करने को वार्ता शुरू होगी।