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बाइडन प्रशासन ने धार्मिक अल्पसंख्यक समूहों के खिलाफ चीनी कार्रवाई को किया 'नरसंहार' घोषित

Neha Dani
31 March 2021 2:35 AM GMT
बाइडन प्रशासन ने धार्मिक अल्पसंख्यक समूहों के खिलाफ चीनी कार्रवाई को किया नरसंहार घोषित
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इसके बाद ही बदलाव की गुंजाइश पैदा होगी।’

अमेरिका के चीन के साथ बढ़ते तनाव के बीच, बाइडन प्रशासन ने मंगलवार (स्थानीय समय) को चीन के शिनजियांग प्रांत में मुस्लिम उइगर समुदाय और अन्य जातीय और धार्मिक अल्पसंख्यक समूहों के खिलाफ चीनी कार्रवाई को 'नरसंहार' घोषित किया।

दरअसल '2020 कंट्री रिपोर्ट्स ऑन ह्यूमन राइट्स प्रेक्टिसेज' मंगलवार को जारी किया गया। इस रिपोर्ट में चीन के शिनजियांग प्रांत में उइगर अल्पसंख्यकों के खिलाफ कथित मानवाधिकार उल्लंघनों को लेकर अमेरिकी विदेश विभाग ने कहा कि '2020 में शिनजियांग प्रांत में मुख्य रूप से मुस्लिम उइगरों और अन्य जातीय और धार्मिक अल्पसंख्यक समूहों के खिलाफ जो नरसंहार हुए वह इंसानियत के खिलाफ अपराध है।'
वाशिंगटन पोस्ट के मुताबिक, पूर्व अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ ने डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन के कार्यकाल के दौरान शिनजियांग में पहली बार आधिकारिक तौर पर नरसंहार की घोषणा की थी। इसके बाद अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकेन ने अमेरिकी संसद (कांग्रेस) में सुनवाई के दौरान पोम्पियओ के आकलन की पुष्टि की थी। लेकिन मंगलवार की रिपोर्ट में नरसंहार शब्द का समावेश आधिकारिक अमेरिकी मूल्यांकन के रूप में अमेरिकी दृष्टिकोण को औपचारिक बनाता है।
अमेरिकी विदेश विभाग ने कहा कि इस नरसंहार अपराध के तहत दस लाख से अधिक नागरिकों को मनमाने तौर पर जेल में डाल दिया गया या उनकी शारीरिक स्वतंत्रता को अन्य गंभीर तरीके से नुकसान पहुंचाया गया। इसमें नसबंदी के लिए मजबूर करना, महिलाओं का जबरदस्ती गर्भपात, और और चीन की जन्म नियंत्रण नीतियों का अधिक प्रतिबंधात्मक अनुप्रयोग, दुष्कर्म, बड़ी संख्या में मनमाने ढंग से हिरासत में लिए गए लोगों को यातना, जबरन मजदूरी कराना और धर्म की स्वतंत्रता या विश्वास, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, और आंदोलन की स्वतंत्रता पर लगाए गए प्रतिबंध शामिल हैं।
बता दें कि इससे पहले अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने कहा था कि शिनजियांग प्रांत में उइगर मुसलमानों के खिलाफ चीन के 'नरसंहार' पर अमेरिका जोर-शोर से आवाज उठाता रहेगा। राष्ट्रपति जो बाइडन के पदभार संभालने के बाद 18 मार्च को अलास्का के ऐंकरेज में होने वाली वार्ता में शामिल होने से पहले कई सांसदों ने चीन में मानवाधिकार की बदतर स्थिति को लेकर चिंता प्रकट की थी।
नए प्रतिबंध लगा सकता है अमेरिका
सांसद माइकल मैककॉल ने उस दौरान पूछा था कि बाइडन प्रशासन इस नरसंहार को रोकने के लिए क्या अतिरक्त कदम उठा रहा है। इसपर ब्लिंकन ने कहा, 'मुझे लगता है कि हम कई चीजें कर सकते हैं और ऐसा करेंगे भी। सबसे महत्वपूर्ण है कि इस बारे में बोलना जारी रखेंगे और सुनिश्चित करना होगा कि दूसरे देश भी आवाज उठाएं। चीन सिर्फ हमारी आवाज पर ध्यान नहीं देगा जब तक कि दुनिया भर से आवाज ना उठे। इसके बाद ही बदलाव की गुंजाइश पैदा होगी।'


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