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भूटान ने कुछ ही दिनों में बड़ी संख्या में व्यस्कों को लगाया कोरोना का टीका, इज़राइल की रिपोर्ट 95.1% तक गई

Neha Dani
12 April 2021 8:34 AM GMT
भूटान ने कुछ ही दिनों में बड़ी संख्या में व्यस्कों को लगाया कोरोना का टीका, इज़राइल की रिपोर्ट 95.1% तक गई
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निंदा डेमा नामक एक महिला को बंदर के वर्ष में पैदा हुई महिला को दिया गया था

दुनियाभर में जहां कोरोना संक्रमण एक बार फिर तबाही मचा रहा है तो वहीं वैक्सीनेशन कार्यक्रम भी और ज्यादा तेजी से चलाया जा रहा है. भारत के पडोसी देश भूटान ने तो एस्ट्राज़ेनेका-ऑक्सफोर्ड वैक्सीन के पहले शॉट को एक सप्ताह के भीतर 85 फीसदी वयस्क आबादी को दे दिया है. ये बात शनिवार को द इकोनॉमिस्ट की एक रिपोर्ट में सामने आई है. वहीं रिपोर्ट में कहा गया है कि इज़राइल में (95.1%) और सेशेल्स (94.1%) मे वयस्कों के उच्च प्रतिशत का टीकाकरण करने में महीने लग गए हैं.

भूटान ने कुछ ही दिनों में बड़ी संख्या में व्यस्कों को लगाया टीका
भूटान के कोविड -19 टीकाकरण अभियान का Curve जब एक ग्राफ पर प्लॉट किया जाता है तो वह परपेंडिकुलर शेप में है और इसका टाइटल थोड़ा मोटे कोण पर होता है. गौरतलब है कि अधिकांश देशों, में जिन्होंने अच्छा प्रदर्शन किया है, उन्होंने कोरोनोवायरस के खिलाफ इनोक्यूलेशन को बढ़ाने के लिए महीनों का समय लिया. जबकि 800,000 नागरिकों के छोटे राष्ट्र ने कुछ दिनों में इसे कर दिखाया.

770,000 लोगों में से 470,000 लोगों को दिया गया टीका
इससे पहले बुधवार को, सरकारी अधिकारियों ने समाचार एजेंसी एएफपी को बताया कि कुल 770,000 लोगों में से 470,000 लोगों को भारत द्वारा डोनेट किए गए एस्ट्राजेनेका-ऑक्सफोर्ड वैक्सीन का पहला शॉट दिया गया था. गौरतलब है कि डेटा को संख्याओं के अधार पर पेश किया जाता है, जो बताता है कि देश की पूरी आबादी का 61.45% लोगों को 10 अप्रैल तक वैक्सीन की कम से कम एक खुराक दी गई थी. हालांकि हिमालयन राज्य का महत्वाकांक्षी टीकाकरण अभियान, नौ दिन पहले शुरू हुआ और हमेशा सीधा नहीं रहा.

जनवरी में मिले टीके को दो महीने बाद लगया गया था
गौरतलब है कि भूटान में अब तक कुल 918 कोविड -19 के मामले दर्ज किए गए हैं और इसने जनवरी में भारत से टीका प्राप्त किया था. हालांकि, बौद्ध भिक्षुओं के एक निकाय ज़ुंग द्रत्शंग ने सरकार को सलाह दी कि सितारे शुभ नहीं हैं इसलिए इकोनॉमिस्ट रिपोर्ट के मुताबिक पहले जैब को लगभग दो महीने बाद निंदा डेमा नामक एक महिला को बंदर के वर्ष में पैदा हुई महिला को दिया गया था



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