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भारत से पहली पर्यटक ट्रेन के नेपाल जाने का रास्ता साफ हो गया है. नेपाल सरकार ने ‘भारत गौरव ’ ट्रेन (Bharat Gaurav Train) को अपने यहां आने की अनुमति दे दी है. यह ट्रेन प्रभु श्री राम और माता सीता से जुड़े स्थलों की सैर कराएगी. इस ट्रेन को दोनों देशों के सांस्कृतिक संबंध मजबूत करने की दिशा में अहम माना जा रहा है. 23 जून को नेपाल में प्रवेश करेगी भारत गौरव ट्रेन नेपाल के विदेश मंत्रालय ने बयान जारी कर कहा कि सरकार ने एक बार के लिए ‘भारत गौरव’ ट्रेन (Bharat Gaurav Train) को अपने यहां आने की अनुमति दे दी है. यह ट्रेन प्रभु श्री राम और माता सीता से जुड़े स्थलों की सैर कराएगी. इस ट्रेन को दोनों देशों के सांस्कृतिक संबंध मजबू को नेपाल में प्रवेश करने देने का अनुरोध स्वीकार कर लिया है. यह ट्रेन इस साल 23 जून को भारत से नेपाल में प्रवेश करेगी और माता जानकी और प्रभु श्रीराम से जुड़े कई दर्शनीय स्थलों की सैर कराएगी. नई दिल्ली से 21 जून को रवाना होगी रेलगाड़ी वहीं IRCTC ने कहा कि ‘भारत गौरव ’ ट्रेन (Bharat Gaurav Train) को अपने यहां आने की अनुमति दे दी है. यह ट्रेन प्रभु श्री राम और माता सीता से जुड़े स्थलों की सैर कराएगी. इस ट्रेन को दोनों देशों के सांस्कृतिक संबंध मजबू नई दिल्ली से 21 जून को नेपाल के लिए रवाना होगी. करीब 8 हजार किलोमीटर की दूरी तय कर 23 जून को यह नेपाल में प्रवेश करेगी. इस रामायण सर्किट ट्रेन में यात्रा करने वाले श्रद्धालुओं को नेपाल में भगवान राम से जुड़े स्थलों धनुषा पहाड़, बावन बीघा क्षेत्र, मां जानकी जन्मस्थली मंदिर और श्री राम विवाह स्थल का दर्शन करने का मौका मिलेगा. टूरिज्म को प्रमोट करने के लिए रेलवे की नई पहल बताते चलें कि भारतीय रेलवे (Indian Railways) ने देश में टूरिज्म को प्रमोट करने के लिए कई सर्किट बनाए हैं. इनमें रामायण सर्किट (Ramayana Circuit), बौद्ध सर्किट समेत कई सर्किट शामिल हैं. रेलवे इन स्थानों के लिए समय-समय पर विशेष ट्रेनें चलाता रहता है, जिसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालु टिकट लेकर सफर करते हैं. इन स्पेशल ट्रेनों के टिकट में रहना, खाना, रास्ते में पड़ने वाले होटलों में ठहरना, बसों से दर्शनीय स्थलों तक आना-जाना शामिल होता है. माना जा रहा है कि नेपाल में पहली भारत गौरव ट्रेन की सफलता के बाद ऐसी दूसरी ट्रेनें भी वहां के लिए रवाना की जाएंगी. LIVE TV Indian Railways Bharat Gaurav Train Ramayan
भारत से पहली पर्यटक ट्रेन के नेपाल जाने का रास्ता साफ हो गया है. नेपाल सरकार ने 'भारत गौरव ' ट्रेन (Bharat Gaurav Train) को अपने यहां आने की अनुमति दे दी है. यह ट्रेन प्रभु श्री राम और माता सीता से जुड़े स्थलों की सैर कराएगी. इस ट्रेन को दोनों देशों के सांस्कृतिक संबंध मजबूत करने की दिशा में अहम माना जा रहा है.
23 जून को नेपाल में प्रवेश करेगी भारत गौरव ट्रेन
नेपाल के विदेश मंत्रालय ने बयान जारी कर कहा कि सरकार ने एक बार के लिए 'भारत गौरव' ट्रेन (Bharat Gaurav Train) को अपने यहां आने की अनुमति दे दी है. यह ट्रेन प्रभु श्री राम और माता सीता से जुड़े स्थलों की सैर कराएगी. इस ट्रेन को दोनों देशों के सांस्कृतिक संबंध मजबू को नेपाल में प्रवेश करने देने का अनुरोध स्वीकार कर लिया है. यह ट्रेन इस साल 23 जून को भारत से नेपाल में प्रवेश करेगी और माता जानकी और प्रभु श्रीराम से जुड़े कई दर्शनीय स्थलों की सैर कराएगी.
नई दिल्ली से 21 जून को रवाना होगी रेलगाड़ी
वहीं IRCTC ने कहा कि 'भारत गौरव ' ट्रेन (Bharat Gaurav Train) को अपने यहां आने की अनुमति दे दी है. यह ट्रेन प्रभु श्री राम और माता सीता से जुड़े स्थलों की सैर कराएगी. इस ट्रेन को दोनों देशों के सांस्कृतिक संबंध मजबू नई दिल्ली से 21 जून को नेपाल के लिए रवाना होगी. करीब 8 हजार किलोमीटर की दूरी तय कर 23 जून को यह नेपाल में प्रवेश करेगी. इस रामायण सर्किट ट्रेन में यात्रा करने वाले श्रद्धालुओं को नेपाल में भगवान राम से जुड़े स्थलों धनुषा पहाड़, बावन बीघा क्षेत्र, मां जानकी जन्मस्थली मंदिर और श्री राम विवाह स्थल का दर्शन करने का मौका मिलेगा.
टूरिज्म को प्रमोट करने के लिए रेलवे की नई पहल
बताते चलें कि भारतीय रेलवे (Indian Railways) ने देश में टूरिज्म को प्रमोट करने के लिए कई सर्किट बनाए हैं. इनमें रामायण सर्किट (Ramayana Circuit), बौद्ध सर्किट समेत कई सर्किट शामिल हैं. रेलवे इन स्थानों के लिए समय-समय पर विशेष ट्रेनें चलाता रहता है, जिसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालु टिकट लेकर सफर करते हैं. इन स्पेशल ट्रेनों के टिकट में रहना, खाना, रास्ते में पड़ने वाले होटलों में ठहरना, बसों से दर्शनीय स्थलों तक आना-जाना शामिल होता है. माना जा रहा है कि नेपाल में पहली भारत गौरव ट्रेन की सफलता के बाद ऐसी दूसरी ट्रेनें भी वहां के लिए रवाना की जाएंगी.
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