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Covaxin का क्लीनिकल ट्रायल
भारत बायोटेक अमेरिका में अपनी कोरोना वैक्सीन कोवैक्सीन का क्लीनिकल ट्रायल करेगी। शनिवार को कंपनी ने यह जानकारी दी। अमेरिका में कोवैक्सीन को लॉन्च करने के लिए हैदराबाद की कंपनी ऐसा करेगी। उसने इस ट्रायल के बारे में अधिक जानकारी नहीं दी है। उदाहरण के लिए कंपनी ने नहीं बताया है कि इसमें कितने लोगों को शामिल किया जाएगा इत्यादि।
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गुरुवार को अमेरिकी दवा नियामक यूएसएफडीए ने अमेरिका में कोवैक्सीन को उतारने का रास्ता लंबा कर दिया था। उसने इमर्जेंसी इस्तेमाल के लिए ओक्यूजेन (Ocugen) के आवेदन को खारिज कर दिया था। ओक्यूजेन भारत बायोटेक की अमेरिकी पार्टनर फर्म है। ओक्यूजेन इंक को सलाह दी गई है कि वह भारतीय वैक्सीन के इस्तेमाल की मंजूरी हासिल करने के लिए अतिरिक्त आंकड़ों के साथ जैविक लाइसेंस आवेदन (बीएलए) मार्ग से अनुरोध करे।
उधर, शनिवार को भारत बायोटेक ने कहा कि देश में बनी कोवैक्सीन के वैज्ञानिक मानक और प्रतिबद्धता पारदर्शी हैं। अब तक कंपनी टीके की सुरक्षा और प्रभाव पर नौ रिसर्च पेपर पब्लिश कर चुकी है।
भारत बायोटेक की सह संस्थापक और संयुक्त प्रबंध निदेशक सुचित्रा इला ने ट्वीट किया, 'कोवैक्सीन के वैज्ञानिक मानक और प्रतिबद्धता पारदर्शी हैं। एकैडमिक जर्नल, प्रमुख समीक्षकों, एनआईवी-आईसीएमआर-बी बी अनुसंधानकर्ताओं और वैज्ञानिकों ने नौ अध्ययन और आंकड़े प्रकाशित किए हैं।'
आंकड़ों की गहनता से हुई है समीक्षा
भारत बायोटेक ने बयान में बताया कि भारत के नियामकों ने कोवैक्सीन टीके के पहले और दूसरे चरण में हुए परीक्षण के संपूर्ण आंकड़ों और तीसरे चरण के आंशिक आंकड़ों की समीक्षा गहनता से की है।
बयान में कहा गया, 'समयबद्ध श्रेष्ठ समीक्षा के लिए कंपनी पहले ही कोवैक्सीन की सुरक्षा और प्रभाव को लेकर गत 12 महीने में नौ अनुसंधान अध्ययन वैश्विक स्तर पर प्रतिष्ठित पांच श्रेष्ठ जर्नल में प्रकाशित करा चुकी है।'
सभी आंकड़े हैं मौजूद
कंपनी ने कहा कि कोवैक्सीन एकमात्र पूरी तरह से निष्क्रिय कोरोना वायरस आधारित टीका और उत्पाद है जिसने भारत में मानव पर हुए परीक्षण के आंकड़े प्रकाशित किए हैं। उसके अनुसार, 'यह इकलौता प्रोडक्ट है जिसके पास सामने आ रहे वायरस के नए प्रकार को लेकर कोई आंकड़ा है। यह एकमात्र कोविड-19 टीका है जिसके पास भारतीय आबादी पर प्रभाव को लेकर आंकड़े हैं।'
कंपनी ने कहा कि भारत बायोटेक ने तीन प्रीक्लीनिकल अध्ययन किए जिसे प्रमुख पीयर-रिव्यूड जर्नल 'सेलप्रेस' में प्रकाशित किया गया। कोवैक्सिन टीके के पहले और दूसरे चरण के परीक्षण को प्रमुख जर्नल 'द लांसेट' में प्रकाशित किया गया।
कंपनी ने कहा कि कोवैक्सीन के कोरोना वायरस के अन्य प्रकारों को निष्क्रिय करने संबंधी अध्ययन के आंकड़े पहले ही बायोरेक्सिव, क्लीनिकल इंफेक्शियस डीजीज और जर्नल ऑफ ट्रैवेल मेडिसिन में प्रकाशित हो चुके हैं।
भारत बायोटेक के अनुसार, 'इस समय कोवैक्सीन के प्रभाव और सुरक्षा को लेकर किए गए तीसरे चरण के परीक्षण के आंकड़ों का विश्लेषण और संकलन किया जा रहा है। इसके साथ ही यह सुनिश्चित किया गया है कि इसकी शुद्धता से कोई समझौता नहीं किया जाए। कंपनी जल्द तीसरे चरण के परीक्षण के आंकड़ों को सार्वजनिक करेगी।'
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