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कोवैक्सीन पर विचार करने के लिए अगली बैठक तीन नवंबर को होगी।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की एक शीर्ष अधिकारी ने गुरुवार को कहा कि भारत बायोटेक (Bharat Biotech) की कोवैक्सीन (Covaxin) पर नियमित रूप से और बहुत तेजी से तकनीकी समिति को आंकड़े सौंप रही है। उम्मीद है कि इसे अगले हफ्ते डब्ल्यूएचओ की अंतिम मंजूरी मिल जाएगी। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि संयुक्त राष्ट्र की यह संस्था उच्च गुणवत्ता वाले टीके तैयार करने वाले भारतीय उद्योग पर काफी विश्वास करती है।
कोवैक्सीन विकसित करने वाली हैदराबाद स्थित भारत बायोटेक ने 19 अप्रैल को टीके की आपात उपयोग सूचीबद्धता (ईयूएल) के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन को 'एक्सप्रेशन आफ इंटरेस्ट' आवेदन सौंपा था। मंगलवार को संयुक्त राष्ट्र स्वास्थ्य एजेंसी के तकनीकी सलाहकार समूह की बैठक हुई, जिसने कोवैक्सीन की आपात उपयोग सूचीबद्धता के लिए अंतिम जोखिम-लाभ आकलन करने को लेकर भारत बायोटेक से अतिरिक्त स्पष्टीकरण मांगा गया।
डब्ल्यूएचओ में औषधि और स्वास्थ्य उत्पाद तक पहुंच मामलों की सहायक महानिदेशक डा.मैरिएंगेला सिमाओ ने जिनेवा में संवाददाता सम्मेलन में कहा कि भारत बायोटेक नियमित रूप से और बहुत तेजी से आंकड़े सौंप रही है। उन्होंने पिछली बार आंकड़ों का बैच 18 अक्टूबर को सौंपा था।
हैदराबाद स्थित भारत बायोटेक ने EUL के लिए 19 अप्रैल को WHO के समक्ष आवेदन किया था। बता दें कि कोवैक्सीन को कोरोना के खिलाफ 77.8 प्रतिशत और डेल्टा वैरिएंट के खिलाफ 65.2 प्रतिशत प्रभावी पाया गया है। जून में कंपनी ने कहा था कि उसने तीसरे चरण के नतीजों के अंतिम आकलन का काम पूरा कर लिया है। कोवैक्सीन को EUL में शामिल करने पर विचार करने के लिए इसी सप्ताह TAG की बैठक हुई थी।
WHO ने कहा कि TAG की बैठक हुई और वैक्सीन के वैश्विक इस्तेमाल के लिए जोखिम और लाभ का आकलन करने के लिए कंपनी से अतिरिक्त जानकारी मांगने का फैसला किया गया। कोवैक्सीन पर विचार करने के लिए अगली बैठक तीन नवंबर को होगी।
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