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उगते सूरज के देश जापान में कोरोना अस्त होने का नाम ही नहीं ले रहा है.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क| उगते सूरज के देश जापान में कोरोना अस्त होने का नाम ही नहीं ले रहा है. जापान की सरकार अब अपने सारे काम छोड़कर कोरोना की नई और ज्यादा जानलेवा लहर को रोकने की रणनीति बनाने में लग गई है. इस समय जापान के एक्सपर्ट मान रहे हैं कि सर्दियों में यहां पर कोरोना की ये लहर भयावह स्थिति लेकर आएगी. यहां के लोगों के ज्यादा संक्रमित होने की आशंका है.
नवंबर के शुरुआत में आई कोरोना की नई लहर गर्मी के महीनों में आई लहर जैसी ही तेजी से फैलने लगी. शुरूआत में तो जापान की सरकार ने कोरोना संबंधित नियमों में छोटे-मोटे बदलाव किए लेकिन अब उन्हें नियम और कायदों में भारी तब्दीली करनी पड़ी रही है. जापान की सरकार सबसे ज्यादा बुरे हालात के लिए खुद को तैयार करने में लगी है. क्योंकि उन्हें इस बार गर्मियों से ज्यादा गंभीर स्थिति बनने की आशंका है.
जापान के स्वास्थ्य मंत्री नोरिहिशा तामुरा ने मंगलवार को कहा था कि हमें आपातकालीन स्थिति का अंदेशा हो रहा है. कोरोना से गंभीर रूप से संक्रमित लोगों की संख्या बढ़कर 500 हो गई है. प्रशासन और सरकार के पास सबसे बड़ी चुनौती पर्याप्त बेड्स और मेडिकल स्टाफ की व्यवस्था करने की है. 30 नवंबर को 500 लोग कोरोना के गंभीर संक्रमण की वजह से आईसीयू में भर्ती किए गए. जबकि इससे एक दिन पहले 472 लोग भर्ती हुए थे|
जापान में कोरोना वायरस की नई लहर चार मुख्य इलाकों में है. ये इलाके हैं- उत्तर में स्थित होक्काइदो द्वीप का सप्पोरो शहर. यहां पर सबसे ज्यादा कोरोना के मामले सामने आ रहे हैं. इसके बाद है आइची, जहां पर टोयोटा मोटर कॉर्प की सबसे बड़ी फैक्ट्री है. व्यवसायिक केंद्र ओसाका और राजधानी टोक्यो. इन चारों इलाकों में कोरोना की नई लहर की वजह से ज्यादा मामले सामने आ रहे हैं.
की रिपोर्ट के अनुसार इन इलाकों में सबसे बड़ी समस्या है अस्पतालों में बेड्स की कमी. ज्यादा गंभीर लोगों के इलाज के लिए बेड्स नहीं है. टोक्यो के 50 फीसदी बेड्स भर चुके हैं. टोक्यो प्रशासन ने चार अस्पतालों को कहा है कि वो अपने यहां गंभीर संक्रमित लोगों के इलाज के लिए 50-50 बेड्स और लगाएं. इससे टोक्यो में 200 और बेड्स की व्यवस्था हो जाएगी.
जापान में कोरोना केस बढ़ने के सबसे बड़े कारण हैं- सर्दी का आना और देश में बुजुर्गों की ज्यादा आबादी. बुजुर्ग ही कोरोना की वजह से सबसे ज्यादा परेशान हो रहे हैं. गर्मियों में कोरोना की लहर से उतना असर नहीं पड़ा था, जितना इस बार पड़ने की आशंका है. सर्दियों में बुजुर्गों के लिए कोरोना की नई लहर ज्यादा घातक साबित हो सकती है.
गर्मियों में आई लहर की वजह से टोक्यो में युवा मरीजों की संख्या ज्यादा हो गई थी क्योंकि वो कोरोना में बुजुर्गों के इलाज में मदद कर रहे थे. जापान में हर कोरोना संक्रमितों की संख्या करीब 2000 के हो गई है. जापान की सरकार ने अगले तीन हफ्तों के लिए जनता, स्वास्थ्य कर्मियों समेत सभी संबंधित मंत्रालयों और विभागों को संयुक्त रूप से काम करने के लिए कहा है.
जापान के प्रधानमंत्री योशीहिदे सूगा ने कहा कि अगले तीन हफ्ते बेहद संवेदनशील हैं. हम सब एकसाथ मिलकर प्रयास करेंगे तो कोरोना की चेन को तोड़ पाएंगे. नहीं तो गर्मियों से ज्यादा बुरी हालत हो जाएगी. देश में बुजुर्गों की संख्या ज्यादा है, इसलिए भी कोरोना के दुष्प्रभावों के बढ़ने की आशंका भी ज्यादा है.
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