विश्व
बेलारूस के राष्ट्रपति लुकाशेंको दे सकते है इस्तीफा,अगस्त से ही सड़कों पर जुटी है लोग
Deepa Sahu
28 Nov 2020 3:02 PM GMT
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बेलारूस के राष्ट्रपति अलेक्जेंडर लुकाशेंको ने हाल में ही पद छोड़ने के संकेत दिए हैं।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क: मिंस्क: बेलारूस के राष्ट्रपति अलेक्जेंडर लुकाशेंको ने हाल में ही पद छोड़ने के संकेत दिए हैं। वह पिछले 26 साल से बेलारूस की सत्ता पर काबिज हैं। लुकाशेंको को यूरोप के आखिरी तानाशाह के रूप में जाना जाता है। 9 अगस्त को हुए चुनाव में लुकाशेंको ने विवादास्पद जीत हासिल की थी। जिसके बाद से ही वहां की जनता सड़कों पर उतरी हुई है। लगभग रोज राजधनी मिंस्क सहित कई शहरों में राष्ट्रपति के खिलाफ विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं।
लुकाशेंको ने पद छोड़ने की इच्छा जताई
बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक, शुक्रवार को जारी एक बयान में 66 वर्षीय लुकाशेंको ने कहा कि राष्ट्रपति पद की भूमिका को कमजोर करने के लिए देश के संविधान में सुधार किया जाना चाहिए। लुकाशेंको ने आगे जोर देकर कहा कि यह प्रस्तावित सुधार या बदलाव व्यक्तिगत तौर पर उनके लिए नहीं है, क्योंकि वह नई व्यवस्था के तहत राष्ट्रपति बने नहीं रहेंगे। हालांकि लुकाशेंको ने राष्ट्रपति पद को छोड़ने का कोई निर्धारित समय नहीं बताया।
नौ अगस्त से आजतक जारी है प्रदर्शन
बेलारूस में नौ अगस्त को राष्ट्रपति चुनाव के बाद विरोध प्रदर्शन शुरू हुए थे जो आजतक लगातार जारी हैं। बिगड़ते माहौल और कार्रवाई के डर से राष्ट्रपति अलेक्जेंडर लुकाशेंको के खिलाफ चुनाव लड़ने वाली विपक्ष की नेता स्वेतलाना तिखानोव्सना देश छोड़कर लिथुआनिया चली गई हैं। उनको बेलारूस में रहने पर बदले की कार्रवाई का डर सता रहा था। चुनाव परिणाम के बाद लोगों के विरोध प्रदर्शन पर स्वेतलाना ने कहा था कि भले ही चुनाव हार गई हूं, पर हिम्मत नहीं। तानाशाही के खिलाफ मेरा संघर्ष जारी रहेगा।
लुकाशेंको को मिले थे 80 फीसदी वोट
बेलारूस में 65 वर्षीय राष्ट्रपति लुकाशेंको जब 1994 में पहली बार चुनाव में जीत कर सत्ता में आए थे तब स्वेतलाना 9 साल की थीं। इस बार 37 साल की स्वेतलाना ने लुकाशेंको की सत्ता को चुनौती दी थी। देश के केंद्रीय चुनाव आयोग ने मतपत्रों की गिनती होने के बाद कहा कि लुकाशेंको को 80.23 प्रतिशत वोट प्राप्त हुए, जबकि उनकी मुख्य विपक्षी उम्मीदवार स्वेतलाना तिखानोव्सना को सिर्फ 9.9 प्रतिशत वोट मिले।
बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक, शुक्रवार को जारी एक बयान में 66 वर्षीय लुकाशेंको ने कहा कि राष्ट्रपति पद की भूमिका को कमजोर करने के लिए देश के संविधान में सुधार किया जाना चाहिए। लुकाशेंको ने आगे जोर देकर कहा कि यह प्रस्तावित सुधार या बदलाव व्यक्तिगत तौर पर उनके लिए नहीं है, क्योंकि वह नई व्यवस्था के तहत राष्ट्रपति बने नहीं रहेंगे। हालांकि लुकाशेंको ने राष्ट्रपति पद को छोड़ने का कोई निर्धारित समय नहीं बताया।
नौ अगस्त से आजतक जारी है प्रदर्शन
बेलारूस में नौ अगस्त को राष्ट्रपति चुनाव के बाद विरोध प्रदर्शन शुरू हुए थे जो आजतक लगातार जारी हैं। बिगड़ते माहौल और कार्रवाई के डर से राष्ट्रपति अलेक्जेंडर लुकाशेंको के खिलाफ चुनाव लड़ने वाली विपक्ष की नेता स्वेतलाना तिखानोव्सना देश छोड़कर लिथुआनिया चली गई हैं। उनको बेलारूस में रहने पर बदले की कार्रवाई का डर सता रहा था। चुनाव परिणाम के बाद लोगों के विरोध प्रदर्शन पर स्वेतलाना ने कहा था कि भले ही चुनाव हार गई हूं, पर हिम्मत नहीं। तानाशाही के खिलाफ मेरा संघर्ष जारी रहेगा।
लुकाशेंको को मिले थे 80 फीसदी वोट
बेलारूस में 65 वर्षीय राष्ट्रपति लुकाशेंको जब 1994 में पहली बार चुनाव में जीत कर सत्ता में आए थे तब स्वेतलाना 9 साल की थीं। इस बार 37 साल की स्वेतलाना ने लुकाशेंको की सत्ता को चुनौती दी थी। देश के केंद्रीय चुनाव आयोग ने मतपत्रों की गिनती होने के बाद कहा कि लुकाशेंको को 80.23 प्रतिशत वोट प्राप्त हुए, जबकि उनकी मुख्य विपक्षी उम्मीदवार स्वेतलाना तिखानोव्सना को सिर्फ 9.9 प्रतिशत वोट मिले।
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