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शादी से पहले महिलाओं को ह्यूमन पेपिलोमा वायरस का टेस्ट करवाना जरूरी, जानें क्या है वजह?

Neha Dani
8 Feb 2022 9:00 AM GMT
शादी से पहले महिलाओं को ह्यूमन पेपिलोमा वायरस का टेस्ट करवाना जरूरी, जानें क्या है वजह?
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मेनोपोज के बाद रक्तस्राव का होना. सफेद वजाइनल डिस्चार्ज और पैरों-हड्डियों में दर्द इसके प्रमुख लक्षण हैं.

संयुक्त अरब अमीरात (UAE) में महिलाओं के लिए शादी से पहले एक टेस्ट करवाने के लिए कहा जा रहा है. हेल्थ एक्सपर्ट्स का कहना है कि महिलाओं और उनके भावी परिवार की सुरक्षा के लिए ये टेस्ट जरूरी है. अबू धाबी हेल्थ सर्विसेज कंपनी SEHA की तरफ से कहा गया है कि महिलाओं को शादी से पहले ह्यूमन पेपिलोमा वायरस (HPV) का टीका लेने के साथ-साथ इसका टेस्ट भी करवाना चाहिए, ताकि उनमें गर्भाशय के कैंसर (Cervical Cancer) के खतरे को कम किया जा सके.

क्या कहती है WHO की रिपोर्ट?
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की एक हालिया रिपोर्ट की मानें तो सर्विकल कैंसर दुनियाभर में महिलाओं में होने वाला चौथा सबसे आम कैंसर है. 2020 में सर्विकल कैंसर के 6, 04,000 नए मामले सामने आए थे और 3 लाख 42 हजार महिलाओं की मौत हुई थी. WHO का कहना है कि HPV मुख्यत: शारीरिक संबंध बनाने से फैलता है और अधिकतर लोग सेक्सुअल एक्टिविटी के बाद ही इससे संक्रमित होते हैं. इस वायरस से बार-बार संक्रमित होने से सर्विकल कैंसर का काफी ज्यादा खतरा बढ़ जाता है.
सर्विकल कैंसर के प्रति जागरुकता जरूरी
SEHA का कहना है कि सर्विकल कैंसर को जागरुकता से नियंत्रित किया जा सकता है. साथ ही इसे रोकने का सबसे महत्वपूर्ण उपाय है टीकाकरण. SEHA ने 13 से 26 वर्ष की सभी महिलाओं से HPV वैक्सीन लेने का आग्रह किया है. खलीज टाइम्स ने SEHA के हवाले से बताया कि टीकाकरण और प्रारंभिक जांच से गर्भाशय के कैंसर को खत्म करने और इसे ठीक करने में मदद कर सकती है. हम लड़कियों की शादी से कुछ साल पहले टीकाकरण कराने की सलाह देते हैं.
पीड़ित महिला की कहानी भी बताई
SEHA ने यूएई की महिलाओं को टीकाकरण के लिए प्रोत्साहित करने के लिए एक महिला की कहानी भी बताई. 28 वर्षीय ये महिला शादी के दो सालों बाद भी गर्भवती नहीं हो पा रही थी. बाद में जांच में पता चला कि उसे सर्विकल कैंसर है. हालांकि, इलाज के बाद वो महिला बिल्कुल ठीक हो गई. यूएई के मदीनत खलीफा हेल्थकेयर सेंटर के प्रसूति एवं स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ शाहद फैसल अल आयला का कहना है कि सर्विकल कैंसर के मामले में यदि जल्दी इलाज मिल जाए, तो महिला बिल्कुल ठीक हो सकती है.
भारत में भी बना हुआ है बड़ा खतरा
वहीं, भारत की बात करें तो सर्विकल कैंसर महिलाओं में होने वाला दूसरा सबसे बड़ा कैंसर है. देश में महिलाएं शर्म या अपने स्वास्थ्य के प्रति लापरवाही के कारण शुरुआती स्टेज में डॉक्टर के पास नहीं जातीं. जब तक वो ऐसा करने के बारे में सोचती हैं, कैंसर एडवांस स्टेज में पहुंच चुका होता है और ऐसे में मौत का खतरा काफी बढ़ जाता है. ये कैंसर ह्यूमन पेपिलोमा वायरस के कारण शरीर में फैलता है. यौन संबंध के माध्यम से ये महिला के शरीर में पहुंचता है. अच्छी बात ये है कि 90% मामलों में वायरस का ये संक्रमण अपने आप नष्ट हो जाता है. जबकि अधिकतर महिलाओं को ये कैंसर 45 की उम्र के बाद होता है.
क्या हैं इसके लक्षण?
मासिक धर्म खत्म होने के बाद भी रक्तस्राव का होना, सेक्स के बाद ब्लीडिंग, वजाइनल इंफेक्शन का बार-बार होना और पेशाब के बाद जलन महसूस करना, मेनोपोज के बाद रक्तस्राव का होना. सफेद वजाइनल डिस्चार्ज और पैरों-हड्डियों में दर्द इसके प्रमुख लक्षण हैं.


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