विश्व
धरती पर उतरने से पहले विमान बीच हवा में अचानक रुका, फिर तेजी से गिरने लगा नीचे, इस गलती ने ली 80 लोगों की जान
Rounak Dey
12 March 2021 2:00 AM GMT
![धरती पर उतरने से पहले विमान बीच हवा में अचानक रुका, फिर तेजी से गिरने लगा नीचे, इस गलती ने ली 80 लोगों की जान धरती पर उतरने से पहले विमान बीच हवा में अचानक रुका, फिर तेजी से गिरने लगा नीचे, इस गलती ने ली 80 लोगों की जान](https://jantaserishta.com/h-upload/2021/03/12/976395-52.webp)
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बाद में जब जांच की गई तो पता चला कि हादसा अधिक लोडिंग के कारण हुआ था.
दुनिया के इतिहास (History) पर एक नजर डाली जाए तो पता चलेगा कि ऐसे बहुत से विमान हादसे हुए हैं, जिन्होंने बड़ी संख्या में लोगों की जान ली है. ऐसे ही हादसों में से एक था Llandow एयर डिजास्टर (Llandow Air Disaster). यह एक विमान हादसा था, जो ब्रिटेन (Britain) के वेल्स में साल 1950 में हुआ था. हादसा इतना घातक था कि सात दशक बाद भी लोग इसे भूल नहीं सके हैं. आवरो टुडोर वी (Avro Tudor V) नामक इस विमान को निजी तौर पर रग्बी यूनियन से जुड़े लोगों को आयरलैंड (Ireland) में होने वाले अंतरराष्ट्रीय खेलों (International Games) तक ले जाने और वहां से वापस लाने के लिए बुक किया गया था.
किसी को भी इस बात का अंदाजा नहीं था कि विमान वापसी की उड़ान भरने के बाद धरती पर सही सलाहमत नहीं उतरेगा. पहले विमान बीच हवा में ही अचानक रुक गया और फिर धरती पर क्रैश हो गया. ये हादसा आज ही के दिन यानी 12 मार्च को साल 1950 में हुआ था. ये एयरफ्लाइट लिमिटेड कंपनी का विमान था, जो फेयरफ्लाइट के नाम से संचालित होता था. विमान ने आयरलैंड के डब्लिन एयरपोर्ट (Dublin Airport) से उड़ान भरी थी और इसे साउथ वेल्स में Llandow एयर स्टेशन पर उतरना था.
72 लोगों के लिए बुक हुआ था विमान
हादसे के वक्त इसमें 78 यात्री और क्रू के पांच सदस्य सवार थे. रैवेनहिल स्टेडियम (Ravenhill Stadium) में फाइव नेशंस चैंपियनशिप में आयरलैंड के खिलाफ वेल्स रग्बी यूनियन टीम को देखने के लिए फ्लाइट को निजी तौर पर बेलफास्ट (Belfast) की यात्रा के लिए बुक किया गया था. इसे वैसे तो 72 लोगों के लिए बुक किया गया था लेकिन फिर इसमें छह और लोग भी सवार हो गए. जानकारी के मुताबिक उस समय मौसम बिल्कुल साफ था. इसी तरह के अन्य विमानों में भी कोई परेशानी सामने नहीं आई थी.
कैसे हुआ हादसा?
हादसे के बाद गवाहों ने बताया कि दोपहर के 3.05 मिनट पर आवरो टुडोर विमान Llandow एयरोड्रोम के रनवे 28 पर कम ऊंचाई से उतर रहा था. पायलट ने इंजन पावर को बढ़ाकर विमान को ठीक से उतारने की कोशिश की और विमान को ऊपर तक लेकर आया. विमान 100 मीटर तक आगे बढ़ा और 35 डिग्री के एंगल में था, तभी अचानक रुक गया. इसका दांया विंगटिप सबसे पहले जमीन से टकराया, फिर विमान की नोज टकराई और फिर बांया विंग टकराया. इसके बाद विमान घूमता हुआ नीचे की ओर बढ़ा और आखिरकार पार्क के पास एक मैदान में जाकर गिर गया. उस समय इसमें ना तो कोई विस्फोट हुआ था और ना ही आग लगी थी.
क्या था हादसे का कारण?
इस हादसे में 80 लोगों की मौत हो गई, जबकि तीन लोग जिंदा बचे थे. जिंदा बचे इन लोगों में से दो अतिरिक्त सीटों पर बैठे थे, जबकि एक शौचालय में बेहोश हो गया था. उसे चार महीने अस्पताल में बिताने पड़े. आठ अन्य लोग जो घायल हुए थे, उनकी अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई. जिसके बाद आंकड़े जारी कर बताया गया कि कुल 80 लोगों की मौत हुई है, जिनमें 75 यात्री और पांच क्रू के सदस्य हैं. इसे हवा में हुआ उस वक्त का सबसे घातक हादसा बताया गया था. बाद में जब जांच की गई तो पता चला कि हादसा अधिक लोडिंग के कारण हुआ था.
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Rounak Dey
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