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हजारों शीशियों को कूड़ें में फेक दिया गया है, ताकि मरीजों को किसी तरह का कोई खतरा न हो.
अमेरिका में रहने वाली एक नर्स (Nurse) ने अपने काले कारनामों से सबको हिला दिया है. इस नर्स की वजह से दो अस्पतालों के करीब 100 मरीजों की जान खतरे में पड़ गई है. जैक्लीन ब्रियूस्टर नामक (Jacqueline Brewster) नर्स पर शक्तिशाली पेन किलर दवा (Painkiller) की शीशियों से छेड़खानी का आरोप है और फिलहाल पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया है.
दो अस्पतालों को बनाया निशाना
'डेली मेल' की रिपोर्ट के अनुसार, नर्स जैक्लीन ब्रियूस्टर पर आरोप है कि उसने दो अस्पतालों में काम करने के दौरान कैंसर के मरीजों (Cancer Patients) को दर्द में दी जाने वाली पेन किलर हाइड्रोमोफोन (Hydromorphone) की शीशियों के साथ छेड़खानी की. उसने शीशियों से दवा निकालकर उसमें अलग सॉल्यूशन भर दिया. बाद में यही इंजेक्शन मरीजों को लगाए गए.
बेहद शक्तिशाली है हाइड्रोमोफोन
मरीजों का दर्द कम करने के लिए उन्हें दी जाने वाली 'हाइड्रोमोफोन' एक ऐसी पावरफुल पेन किलर है, जिसे हेरोइन (Heroin) ड्रग की तरह भी इस्तेमाल किया जाता है. रिपोर्ट के अनुसार, इसका असर इतना ज्यादा है कि इसकी लत भी लग सकती है. यही वजह है कि अस्पतालों में इसे बड़ी सावधानी से रखा जाता है. अमेरिका के दो अस्पतालों का आरोप है कि ट्रैवल नर्स ब्रियूस्टर ने 'हाइड्रोमोफोन' की शीशियों से चोरी-छिपे दवा निकाल ली.
एक ने नौकरी से निकाला
52 वर्षीय ट्रैवल नर्स जैक्लीन ब्रियूस्टर मूल रूप से अमेरिका के केंटकी में रहती है. ट्रैवल नर्स का मतलब है ऐसी नर्स जो कुछ समय के लिए किसी अस्पताल में सेवा देती है. जैक्लीन ने पिछले साल अप्रैल में टेनेसी के जॉनसन मेडिकल सेंटर में नौकरी शुरू की थी. इस दौरान जब उसके एक साथी को पेन किलर की शीशियों की सील टूटी मिली, तब जाकर पहला मामला सामने आया. इसके बाद अस्पताल प्रबंधन ने जैक्लीन को नौकरी से निकाल दिया.
दूसरी जगह फिर काम मिला
एक अस्पताल से निकाले जाने के बाद जैक्लीन को वेस्ट वर्जीनिया के रैले जनरल हॉस्पिटल में नौकरी मिल गई. यहां भी उसने अपनी हरकतें जारी रखीं. हालांकि, हॉस्पिटल के स्टाफ को जैसे ही इसकी भनक लगी, मामला वरिष्ठ अधिकारियों तक पहुंचा और यहां से भी जैक्लीन को निकाल दिया गया. नर्स अपने ऊपर लगे सभी आरोपों से इनकार किया है. पुलिस ने आरोपी नर्स को फिलहाल गिरफ्तार कर लिया है और मामले की जांच कर रही है.
इस वजह से बढ़ी टेंशन
आरोप है कि नर्स ने दवा निकालकर शीशियों में कोई दूसरा सॉल्यूशन भर दिया था और वही मरीजों को दिया गया. ऐसे में इन मरीजों की जिंदगी खतरे में पड़ गई है, क्योंकि किसी को नहीं पता कि वो सॉल्यूशन क्या था. लिहाजा, जॉनसन सिटी मेडिकल सेंटर में करीब 100 मरीजों की एड्स और हेपेटाइटिस की जांच कराई जा रही है. इतना ही नहीं, एहतियात के तौर पर अस्पताल अब हर दवा की जांच कर रहे हैं. वहीं, रैले जनरल हॉस्पिटल में पेन किलर की हजारों शीशियों को कूड़ें में फेक दिया गया है, ताकि मरीजों को किसी तरह का कोई खतरा न हो.
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