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2 बार कैंसर को मात दे तोड़े 200 रिकॉर्ड, 76 की उम्र में दादी ने वेटलिफ्टिंग कर दुनिया को चौंकाया

Gulabi Jagat
21 Jun 2022 5:30 PM GMT
2 बार कैंसर को मात दे तोड़े 200 रिकॉर्ड, 76 की उम्र में दादी ने वेटलिफ्टिंग कर दुनिया को चौंकाया
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दादी ने वेटलिफ्टिंग कर दुनिया को चौंकाया
कुछ लोग उम्र और जोखिम दोनों पर फतह करने का हुनर बखूबी जानते हैं. मौत को न सिर्फ चकमा देने में माहिर होते हैं बल्कि अपने बुलंद हौसलों से खुद को ऐसा मजबूत बना लेते हैं की मौत भी खौफ खाने लगे. एक सुपरफिट दादी ने दो बार कैंसर को मात देकर एथलिट बन गई और रिकॉर्ड की भरमार कर दी.
75 पार सुपरफिट ग्रेनी पैट रीव्स को 36 साल की उम्र में पहली बार ब्रेन ट्यूमर का पता चला थी, लेकिन मासूस होकर, हिम्मत हारकर बैठने की बजाय उन्होंने वेटलिफ्टिंग शुरु कर दी. जिम में पसीना बहाया. और मौत को मात दी. लेकिन उन्हें दोबारा फिर कैंसर का सामना करना पड़ा. 1982 के बाद से अब तक 2 बार कैंसर जैसी घातक बीमारी का शिकार हुई लेकिन खुद को मजबूत बनाए रखने के लिए पावरलिफ्टिंग और मैराथन में इतनी एक्टिव हो गई कि आज 200 से अधिक रिकॉर्ड तोड़ चुकी हैं सुपरफीट दादी.
सुपरफिट दादी की जर्नी नहीं थी आसान
76 साल की उम्र में फिटनेस पर ऐसी कमांड कि वेटलिफ्टिंग जैसे काम कर ले जाती हैं पैट. पहली बार ब्रेन ट्यूमर होने के बाद उन्होंने हारकर बैठने की बजाय खुद को मजबूती से खड़ा किया और पावरलिफ्टिंग में एक के बाद एक नए किर्तिमान गढ़ती चली गई. अपने खान-पान में बहुत बदलाव किया और मैराथन का हिस्सा बन गई, इस उम्मीद में की उनकी फिटनेस ट्यूमर के बढ़ने की स्पीड पर ब्रेक लगा सकता है. 10 सालों तक नेशनल और इंटरनेशनल वैश्विक स्पर्धाओं में भाग लेते हुए अपने सुनहरे दिनों में 42 किग्रा वर्ग में 135 किग्रा की डेडलिफ्टिंग की. किस्मत एक बार फिर उन्हें आजमाना चाहती थी लिहाज़ा 48 साल की उम्र में एक बार फिर टर्मिनल कैंसर का सामना करना पड़ा. इस बार 1993 में उन्हें ओस्टियोसारकोमा हो गया जो एक प्रकार का हड्डी का कैंसर था.
हौसलों से जीत ली ज़िंदगी की जंग, बनी रिकॉर्ड ब्रेकर
14 ट्यूमर को सिकोड़ने के लिए पैट ने अपनी हेल्दी औऱ एक्टिव लाइफस्टाइल पर रोक नहीं लगने दी और इसे जारी रखा. आखिरकार लंबी लड़ाई के बाद 2016 के बीच वो कैंसर फ्री हो सकीं. लेकिन वो जब तक संभल पाई तब तक 2018 में एक ज़बरदस्त खतरनाक रोड एक्सीडेंट का शिकार हो गईं. जिसमें दो की मौत हो गई. हादसे में पैट के फेफड़े इतनी बुरी हालत में पहुंच गए कि फेफड़े में फाइब्रोसिस (Pulmonary fibrosis) का कारण बन गए. जिसके बाद डॉक्टरों ने उन्हें मात्र तीन महीने की ज़िंदगी का आसरा दिया. लेकिन कहते हैं न कि हौसले बुलंद हों तो किस्मत भी बदली जा सकती है. पैट ने ठीक होते ही 2022 में 60 किग्रा वजन उठाकर सबको चौंका दिया. जो उनकी उम्र और वजन वर्ग के लिए एक नया BDFPA और WDFPF रिकॉर्ड था. 2005 में ब्रिटिश ड्रग फ्री पावरलिफ्टिंग एसोसिएशन में शामिल होने के बाद, पैट ने लगभग 200 रिकॉर्ड तोड़े हैं और 135 किग्रा तक वजन उठा सकते हैं. पैट का कहना है कि अब बिना वेटलिफ्टिंग के अपनी ज़िंदगी इमैजिन ही नहीं कर सकती.
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