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मशहूर वैज्ञानिक स्टीफन हाकिंग का आज जन्मदिन है. वो 08 जनवरी 1942 को पैदा हुए थे. तीन साल पहले 14 मार्च 2018 को उनका निधन हो गया.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क| मशहूर वैज्ञानिक स्टीफन हाकिंग का आज जन्मदिन है. वो 08 जनवरी 1942 को पैदा हुए थे. तीन साल पहले 14 मार्च 2018 को उनका निधन हो गया. वो दुनिया के ऐसे वैज्ञानिक रहे, जिन्होंने जिंदगी का बड़ा व्हील चेयर पर गुजारा. वो ना चल फिर सकते थे, ना हाथ हिला सकते थे और ना ही बोल सकते थे लेकिन अपनी कमाल की व्हील चेयर में लगी सुविधाओं के जरिए उन्होंने बोलने का काम भी किया. वो इसके जरिए चलते फिरते थे. अपनी बात को लिखते थे. कुल मिलाकर वो ऐसे शख्स थे, जिन्होंने जिंदगी की प्रतिकूलताओं के सामने कभी हार नहीं मानी. बल्कि वो कई ऐसी खोजें कर गए कि वो मिसाल बन गई.
स्टीफन हाकिंग ने साफ कहा-भगवान कहीं नहीं है. किसी ने दुनिया नहीं बनाई और कोई हमारी किस्मत नहीं लिखता है. नास्तिक माने जाने वाले खगोलशास्त्री स्टीफन हॉकिंग ने अपनी आखिरी किताब में यही लिखा है. हॉकिंग की इस किताब में कई यूनिवर्स के बनने, एलियन इंटेलिजेंस, स्पेस कोलोनाइजेशन और आर्टिफिशयल इंटेलिजेंस जैसे कई जरूरी सवालों के जवाब दिए गए हैं.
इस एक किताब में कई बड़े सवालों के जवाब हैं. उनकी किताब में लिखा है, सदियों से यह माना जाता रहा है कि मेरे जैसे डिसेबल लोगों पर भगवान का श्राप होता है. लेकिन मेरा मानना है कि मैं कुछ लोगों को निराश करूंगा लेकिन मैं यह सोचना ज्यादा पसंद करूंगा कि हर चीज की व्याख्या दूसरे तरीके से की जा सकती है. हॉकिंग की किताब का नाम है क्या वहां भगवान है?
उन्होंने लिखा है कि उन्होंने भगवान शब्द का इस्तेमाल गैर निजी तरीके से किया है. जैसा अल्बर्ट आइंस्टाइन लॉ ऑफ नेचर के लिए गॉड शब्द का इस्तेमाल करते थे. यानी लॉ ऑफ नेचर को समझना ही भगवान के दिमाग को समझना है. हॉकिंग ने लिखा है, मेरी भविष्यवाणी है कि हम इस सेंचुरी के खत्म होते-होते भगवान के दिमाग को समझने लगेंगे.
उनके मुताबिक, यूनिवर्स कभी न खत्म होने वाला फ्री लंच है और अगर यूनिवर्स कुछ नया नहीं जोड़ता तो आपको इसे बनाने के लिए भगवान की जरूरत नहीं है. क्या उनकी आस्था थी? इस पर वह बताते हैं, हम जो चाहते हैं वह मानने के लिए फ्री हैं. और यह मेरा मानना है कि भगवान नहीं है. किसी ने यूनिवर्स नहीं बनाई और न ही कोई हमारी किस्मत चलाता है.
इसी किताब में उन्होंने आगे लिखा, इससे मुझे इस बात का पूरा अहसास है कि न तो कोई स्वर्ग है और न ही मरने के बाद कोई जीवन. मेरा मानना है कि मरने के बाद जीवन है-यह सोचना सिर्फ आपका खुशनुमा विचार हो सकता है. इसके लिए कोई भरोसेमंद साक्ष्य नहीं है. हॉकिंग की मौत के बाद उनके इसे पूरा करके पब्लिश किया गया. .
हॉकिंग ने विज्ञान की नज़र से ही भगवान, पृथ्वी पर इंसानों का अंत और एलियनों के अस्तित्व पर अपनी बात पुरजोर अंदाज में रखी.हालांकि, हॉकिंग को इन बयानों के लिए धार्मिक संस्थाओं की ओर से विरोध का सामना भी करना पड़ा. हॉकिंग ने बार-बार कहा, गुरुत्वाकर्षण वो नियम है जिसकी वजह से ब्रह्मांड अपने आपको शून्य से एक बार फिर शुरू कर सकता है और करेगा भी. ये अचानक होने वाली खगोलीय घटनाएं हमारे अस्तित्व के लिए ज़िम्मेदार हैं. ऐसे में ब्रह्मांड को चलाने के लिए भगवान की ज़रूरत नहीं है. हॉकिंग को इस बयान के लिए ईसाई धर्म गुरुओं की ओर से विरोध का सामना करना पड़ा.
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