x
US-ब्रिटेन ने यूक्रेन को भेजे हथियार
यूक्रेन (Ukraine) की सीमा पर हजारों सैनिक तैनात कर चुके रूस (Russia) ने शीतयुद्ध के बाद से अपने एवं पश्चिमी शक्तियों के बीच के सबसे गंभीर सुरक्षा संकट के मध्य अपने अगले कदम को लेकर अमेरिका एवं उसके सहयोगियों को दुविधा में डाल दिया है. यूक्रेन पर आसन्न हमले की आशंका के बीच रूस ने इस क्षेत्र में और सैन्याभ्यास (Russia Military Drills) करने की घोषणा कर अपना रूख कड़ा कर लिया है. इससे युद्ध का खतरा बढ़ गया है. उसने कैरिबियाई क्षेत्र में सैन्य तैनाती की संभावना से भी इनकार किया है और राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) ने पश्चिमी शक्तियों के विरोधी नेताओं से संपर्क साधा है.
सैन्य जोर आजमाइश शीतयुद्ध के समापन के बाद नाटो (NATO) के दशकों से चल रहे विस्तार को थामने की क्रेमलिन (Kremlin) की कोशिश का दर्शाता है. अमेरिका के साथ वार्ता के दौरान रूस ने इस बात की कानूनी गारंटी की मांग की कि नाटो यूक्रेन या सोवियत संघ का हिस्सा रहे किसी भी अन्य देश को अपना हिस्सा नहीं बनाएगा तथा वहां हथियार तैनात नहीं करेगा. वह यह भी चाहता है कि नाटो मध्य एवं पूर्व यूरोप के उन देशों से अपने सैन्यबल को वापस बुलाए जो 1990 के दशक में उससे जुड़े थे. पुतिन ने यूक्रेन एवं अन्य देशों में नाटो की हथियारों की तैनाती को रूस के लिए 'खतरे की घंटी' करार दिया एवं चेतावनी दी कि यदि रूस की मांगें नहीं मानी जाती है तो वह अनिर्धारित 'सैन्य-तकनीकी उपायों' का आदेश देंगे.
अमेरिका-ब्रिटेन ने भेजी सैन्य मदद
वहीं, बढ़ते तनाव के बीच अमेरिका की यूक्रेन को मदद के लिए भेजी गई पहली सैन्य सहायता कीव पहुंच गई है. 200 मिलियन डॉलर के सुरक्षा सहायता पैकेज की पहली खेप में यूक्रेन के अग्रिम पंक्ति के रक्षकों के लिए गोला-बारूद जैसी सहायता शामिल है. ये खेप अमेरिका की यूक्रेन को मदद को लेकर दी गई प्रतिबद्धता को दिखाती है. वहीं, ब्रिटेन ने भी यूक्रेन को सैन्य सहायता भेजना शुरू कर दिया है. ब्रिटेन के 30 सबसे बेहतरीन सैनिक यूक्रेन पहुंच गए हैं, जो यूक्रेन के सैनिकों को ट्रेनिंग देंगे. इसके अलावा, 2000 एंटी-टैंक मिसाइल लॉन्चर भी यूक्रेन को दिया गया है.
पुतिन ने बताया क्यों किया जा रहा है सैन्य अभ्यास?
दूसरी ओर, सैन्य अभ्यास को जायज ठहराते हुए रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा, यूक्रेन की सेना के साथ नाटो का सैन्य अभ्यास, काला सागर में दुश्मन के जंगी जहाज और क्रीमिया के पास में अमेरिकी बमवर्षक विमानों को उड़ता देख रूस को अपनी सुरक्षा मांगों को बढ़ाना होगा. उन्होंने कहा कि भले ही यूक्रेन को नाटो में शामिल नहीं किया जाए, लेकिन इसके यहां पश्चिमी मुल्कों की सेना अपना ठिकाना बना सकती है. पुतिन ने कहा कि हमारे पास पीछे हटने के लिए कोई रास्ता नहीं है. पश्चिमी मुल्क हमें उस बिंदु तक लेकर चले गए हैं, जहां हमें उन्हें कहना पड़ रहा है कि वे रुक जाएं.
Next Story