विश्व

बांग्लादेश को चीन ने दी क्वाड में शामिल नहीं होने की चेतावनी, ढ़ाका ने भी दिया करारा जवाब

Deepa Sahu
11 May 2021 2:53 PM GMT
बांग्लादेश को चीन ने दी क्वाड में शामिल नहीं होने की चेतावनी, ढ़ाका ने भी दिया करारा जवाब
x
क्वाड को लेकर चीन की बेचैनी बढ़ती जा रही है

ढाका, क्वाड को लेकर चीन की बेचैनी बढ़ती जा रही है। वैसे तो यह कई बार इस गठबंधन को लेकर अपनी नाखुशी का इजहार कर चुका है, लेकिन इस बार इसने बांग्लादेश को इसमें शामिल नहीं होने की चेतावनी दी है। इसने कहा है कि यदि बांग्लादेश इस चीन विरोधी गठबंधन में शामिल होता है, तो इससे द्विपक्षीय संबंधों को नुकसान होगा।

बांग्लादेश में चीनी राजदूत ली जिमिंग की यह असामान्य चेतावनी चीन के रक्षा मंत्री जनरल वेई फेंग की ढाका यात्रा के कुछ सप्ताह बाद सामने आई है। बांग्लादेश के राष्ट्रपति अब्दुल हामिद के साथ मुलाकात के दौरान जनरल फेंग ने इस बात पर जोर दिया था कि दोनों देशों को दक्षिण एशिया में बाहरी शक्तियों द्वारा सैन्य गठबंधन बनाने के प्रयासों का मिलकर विरोध करना चाहिए।
राजनयिक संवाददाताओं के एक संगठन द्वारा आयोजित डिजिटल बैठक में ली ने कहा, बांग्लादेश के लिए चार देशों के इस छोटे से क्लब (क्वाड) में शामिल होना निश्चित रूप से सही विचार नहीं होगा, क्योंकि इससे द्विपक्षीय संबंधों को भारी नुकसान पहुंचेगा।
चीन के राजदूत के इस विवादित बयान पर बांग्लादेश के विदेश मंत्री डाक्टर एके अब्दुल मोमिन ने कहा कि बांग्लादेश गुट-निरपेक्ष तथा संतुलित विदेश नीति का अनुसरण करता है और वह खुद तय करेगा कि इन सिद्धांतों के अनुरूप क्या किया जाना चाहिए।
मोमिन ने मंगलवार को पत्रकारों से कहा, हम स्वतंत्र तथा संप्रभु देश हैं। हम अपनी विदेश नीति खुद तय करते हैं। हालांकि, कोई देश अपना रुख बता सकता है। विदेश मंत्री ने कहा, वह (चीनी राजदूत) एक देश का प्रतिनिधित्व करते हैं। वह जो कहना चाहते हैं, कह सकते हैं। हो सकता है कि वह ऐसा (बांग्लादेश का क्वाड में शामिल होना) न चाहते हों। साथ ही मोमिन ने कहा कि अभी तक क्वाड के किसी भी सदस्य ने बांग्लादेश से संपर्क नहीं किया है। समाचार एजेंसी यूनाइटेड न्यूज आफ बांग्लादेश (यूएनबी) ने विदेश मंत्री के हवाले से कहा कि राजदूत ने जल्दबाजी में यह टिप्पणी की।
क्या है क्वाड
क्वाडिलेटरल सिक्योरिटी डायलाग को संक्षेप में क्वाड कहा जाता है। इसका गठन साल 2007 में किया गया था। इसमें भारत, अमेरिका, आस्ट्रेलिया और जापान शामिल हैं। वैसे तो यह गठबंधन हिंद-प्रशांत क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने को लेकर बनाया गया है, लेकिन चीन इससे खासा परेशान रहता है। इसकी वजह यह है कि संगठन दूसरे मुद्दों के साथ समुद्र में चीन की बढ़ती आक्रामकता पर भी लगाम कसने की तैयारी में है। इसी साल मार्च में इस गठबंधन के चारों देशों के बीच शिखर वार्ता हुई है।


Next Story