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Bangladesh: पूर्व PM खालिदा जिया को जेल से मिली रिहाई, राजनीति में नहीं लौटेंगी

Harrison
5 Aug 2024 5:45 PM GMT
Bangladesh: पूर्व PM खालिदा जिया को जेल से मिली रिहाई, राजनीति में नहीं लौटेंगी
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Dhaka ढाका। शेख हसीना के बांग्लादेश छोड़ने के बाद वहां की पूर्व पीएम और BNP की सबसे बड़ी नेता खालिदा जिया की रिहाई के आदेश दे दिए गए हैं। मीडिया रिपोर्ट्स में बताया गया है कि बांग्लादेश के राष्ट्रपति मोहम्मद शहाबुद्दीन ने जेल में बंद पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया को रिहा करने का आदेश दिया। राष्ट्रपति की प्रेस टीम की तरफ से जानकारी दी गई कि राष्ट्रपति शहाबुद्दीन की अगुवाई में हुई बैठक में “बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) की अध्यक्ष बेगम खालिदा जिया को तुरंत रिहा करने का सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया है।”

49 साल पहले हुआ था तख्तापलट

1971 में पाकिस्तान से अलग होकर बांग्लादेश एक अलग देश बना, एक मुल्क के तौर पर बांग्लादेश की किस्मत पाकिस्तान से बेहतर तो रही लेकिन राजनीतिक हालात लगभग एक जैसे ही रहे है। चुनी हुई प्रधानमंत्री शेख हसीना ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने बांग्लादेश छोड़ दिया है और वह भारत पहुंच गई हैं। अब सबसे बड़ी बात यह अगस्त का महीना शेख हसीना और उनके पिता मुजीबुर रहमान के लिए सही नहीं रहा है।49 साल पहले अगस्त महीने में ही बांग्लादेश में तख्तापलट हुआ था। बांग्लादेश में सेना ने बगावत कर दी थी। 15 अगस्त 1975 को बांग्लादेशी सेना के कुछ जूनियर अधिकारियों ने शेख हसीना के पिता और बांग्लादेश के शेख मुजीब के घर पर टैंक से हमला कर दिया। उस दिन हसीना ने सिर्फ अपने पिता को ही नहीं बल्कि अपने परिवार के 17 लोगों को खो दिया था। शेख हसीना के परिवार को खत्म करने के बाद मेजर जनरल जियाउर रहमान ने सत्ता की बागडोर अपने हाथ में ले ली। सिर्फ उनकी दो बेटियां शेख हसीना और शेख रेहाना की जान बच पाई थी क्योंकि वो उस समय जर्मनी घूमने के लिए गई हुई थीं। शेख हसीना साल 1981 तक दिल्ली में ही रही थीं। इसके बाद वापस आकर हसीना ने अपने पिता की राजनीतिक विरासत को संभाला था। 1971 में अपनी आजादी के बाद से बांग्लादेश में सेना रह-रहकर तख्तापलट करती रही है। 1991 में सही से चुनाव नहीं हो जाने तक सेना ने बार-बार दखल दिया है।

भारत की अर्थव्यवस्था पर भी दिखेगा असर

भारत का पड़ोसी देश बांग्लादेश हिंसा की आग में जल रहा है। हिंसक प्रदर्शन के बाद शेख हसीना ने प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है। भारत बांग्लादेश के साथ में काफी बड़ी मात्रा में व्यापार करता है। देश में फैली हिंसा की वजह से भारत के कारोबार पर भी असर पड़ने की संभावना जताई जा रही है। दोनों देश कई सारी चीजों का इंपोर्ट और एक्सपोर्ट करते हैं। प्रदर्शन और हिंसा की वजह से बांग्लादेश के उद्योग काफी लंबे टाइम से बंद है। वह दूसरे देशों में किसी भी सामान को भेजने से बच रहे हैं। अगर लंबे टाइम तक ऐसी ही स्थिति बनी रही तो भारत में कई सारे प्रोडक्टस की कीमतों पर भी काफी असर पड़ सकता है। हाई क्वालिटी के रेडीमेड गारमेंट को तैयार करने के लिए बांग्लादेश फेमस है। यहां पर सस्ते दामों पर मजदूर और कच्चा माल मिल जाता है। इसीलिए यहां पर तैयार होने वाले कपड़ों की फिनिशिंग और क्वालिटी दुनिया में काफी अच्छी मानी जाती है। भारत के बड़े-बड़े ब्रांड या तो बांग्लादेश में कपड़े तैयार करवाते हैं या फिर वहां से कच्चा माल वहां से मंगवाते हैं और फिर उसे अपने ही देश में तैयार करवाते हैं। बांग्लादेश से भारत केवल कपड़ो के माल का ही आयात नहीं करता है बल्कि जूट, रबर, खाद्य तेल और सब्जी तेल का भी आयात करता है। वहीं भारत भी काफी कुछ निर्यात करता है। इसमें चावल, रुई, सूती कपड़ा, गेंहू और गेंहू से बने प्रोडक्ट, मसाले, सब्जी, चीनी, फल और दूसरे प्रोडक्ट्स शामिल हैं। फाइनेंसियल ईयर 2023-24 में भारत ने बांग्लादेश को 1220 करोड़ डॉलर का निर्यात किया है।

चीफ जस्टिस के घर में भी घुसे प्रदर्शनकारी

बांग्लादेश में शेख हसीना के देश छोड़ने के बाद भी वहां बवाल थम नहीं रहा है। शेख हसीना विरोधी सड़कों पर जश्न मना रहे हैं औऱ उनसे व उनके परिवार से जुड़ी हर चीज को नुकसान पहुंचाने की कोशिश कर रहे हैं। इस बीच भारत के पड़ोसी देश के चीफ जस्टिस के घर को भी निशाना बनाए जाने की खबर है।बांग्लादेश की न्यूज वेबसाइट सनस्टार के मुताबिक, सोमवार दोपहर को ढाका के काकरैल इलाके में प्रदर्शनकारियों के एक समूह ने चीफ जस्टिस ओबैदुल हसन के सरकारी आवास पर लूटपाट और तोड़फोड़ की।चीफ जस्टिस ऑफ बांग्लादेश के एक करीबी सूत्र ने द डेली स्टार को बताया कि प्रदर्शनकारी शाम को करीब 4:45 बजे मुख्य न्यायाधीश के आवास पर आए और घर से कार और फर्नीचर समेत लगभग हर चीज लूट ली। इसके अलावा उन्होंने कोई भी जानकारी देने से इनकार कर दिया।
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