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सिंध में पिलियन राइडिंग पर प्रतिबंध, सुरक्षा को लेकर टेंशन में सरकार

Neha Dani
15 Oct 2021 8:49 AM GMT
सिंध में पिलियन राइडिंग पर प्रतिबंध, सुरक्षा को लेकर टेंशन में सरकार
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हमले का आरोप लश्कर-ए-झांगवी नाम के संगठन पर लगा है.

पाकिस्तान के सिंध प्रांत की सरकार ने गुरुवार को घोषणा करते हुए कहा कि 15 अक्टूबर को कोई भी बाइक-स्कूटी पर पीछे बैठकर सवारी नहीं कर सकेगा. सरकार ने मामले में एक अधिसूचना भी जारी की है. जिसमें 'चुप ताजिया (Chup Tazia) जुलूस से संबंधित कई तरह के खतरों को लेकर चेतावनी' दी गई है. सरकार का कहना है कि प्रतिबंध 15 अक्टूबर की तारीख लगते ही रात 12 बजे से शुरू होगा और अगले 24 घंटे तक रहेगा. यानी इस दौरान कराची और हैदराबाद, मीरपुर खास, सुक्कुर, खैरपुर, नावाबशाह सहित सिंध के सभी बड़े शहरों में लोग वाहन के पीछे बैठकर सवारी नहीं कर सकेंगे.

अधिसूचना में कहा गया है कि प्रतिबंध महिलाओं, 12 साल के कम उम्र के बच्चों, बुजुर्गों, कानून प्रवर्तन एजेंसियों/वर्दी पहने सुरक्षा एजेंसियों के कर्मियों, आवश्यक सेवाओं के कर्मचारियों और अपना प्रेस कार्ड/सेवा कार्ड दिखाने पर पत्रकारों पर लागू नहीं होगा. सिंध सरकार ने रबी उल अव्वल 12 के लिए सुरक्षा व्यवस्था को ध्यान में रखते हुए भी पीछे बैठने वाली सवारी पर प्रतिबंध लगाया है (Pillion Riding Karachi Today). गृह विभाग द्वारा जारी अधिसूचना के मुताबिक, 19 अक्टूबर के लिए भी सभी शहरों में पीछे की सवारी पर प्रतिबंध लगा दिया गया है.
19 अक्टूबर को भी रहेगा प्रतिबंध
अधिसूचना के अनुसार, 'रबी उल अव्वल के विभिन्न आयोजनों के दौरान कानून और व्यवस्था के उल्लंघन से जुड़े खतरों की चेतावनी के मद्देनजर, 12 वीं रबी उल अवल 1443 हिजरी यानी 19 अक्टूबर को एक दिन के लिए बाइक आदि पर पीछे बैठने वाली सवारी पर प्रतिबंध धारा 144 सीआर.पीसी के तहत लगाया जा रहा है.' इसी तरह का फैसला सुरक्षा व्यवस्था को ध्यान में रखते हुए सितंबर महीने में भी लिया गया था (Pillion Riding in Karachi). तब हजरत इमाम हुसैन (आरए) चेहलुम का समय था.
मुहर्रम के जुलूस पर हुआ था हमला
कर्बला में शहीद हुए इमाम हुसैन और उनके 71 अनुयायियों की शहादत के चालीवें दिन चेहलुम मनाया जाता है. इन 72 शहीदों की याद में दो महीने आठ दिन तक मुहर्रम का आयोजन होता है. जो चुप ताजिया के जुलूस के साथ खत्म होता है. यानी मुहर्रम के आखिरी दिन चुप ताजिया का आयोजन होता है (Pakistan Pillion Riding). इस दौरान सरकार को हमले होने या फिर दंगे होने का खतरा बना रहता है. इसी साल अगस्त महीने में पाकिस्तान के बहावलनगर में मुहर्रम के एक जुलूस पर आतंकियों ने हमला कर दिया था, जिसमें दो लोगों की मौत हो गई और 50 से अधिक घायल हुए. हमले का आरोप लश्कर-ए-झांगवी नाम के संगठन पर लगा है.


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