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श्रीलंका में ICE और अल कायदा समेत 11 संगठनों पर लगाया प्रतिबंध

Neha Dani
15 April 2021 2:20 AM GMT
श्रीलंका में ICE और अल कायदा समेत 11 संगठनों पर लगाया प्रतिबंध
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आईपीकेएफ ने 1987 से 1990 के बीच श्रीलंका के युद्धग्रस्त उत्तरी और पूर्वी क्षेत्रों में सेवाएं दी थीं।

श्रीलंका सरकार ने देश में चरमपंथी गतिविधियों से जुड़े होने के कारण इस्लामिक स्टेट (आईएस) और अल कायदा समेत 11 कट्टर इस्लामी संगठनों पर प्रतिबंध लगा दिया है। एक अधिसूचना में यह जानकारी दी गई। राष्ट्रपति गोतबाया राजपक्षे ने विशेष राजपत्र अधिसूचना जारी करते हुए आतंकवाद निरोधक कानून के तहत कट्टरपंथी संगठनों पर यह रोक लगाई है।

आतंकवाद निरोधक कानून के तहत दोषी को मिलेगी 10 से 20 साल कैद
अधिसूचना के अनुसार, कानून का पालन न करने वाले या ऐसी किसी साजिश में शामिल होने वाले किसी भी दोषी व्यक्ति को 10 से 20 साल कैद की सजा हो सकती है। प्रतिबंधित संगठनों में श्रीलंका इस्लामी छात्र आंदोलन समेत कुछ स्थानीय मुस्लिम समूह शामिल हैं।
बता दें कि वर्ष 2019 में ईस्टर पर हुए आत्मघाती हमले के बाद श्रीलंका सरकार ने स्थानीय जिहादी समूह नेशनल तौहीद जमात तथा दो अन्य संगठनों को प्रतिबंधित कर दिया था। राष्ट्रपति की तरफ से गठित पैनल ने उन मुस्लिम विद्रोही संगठनों पर प्रतिबंध लगाने की सिफारिश की थी जो बौद्ध बहुल देश में कट्टरपंथ की वकालत करते हैं।
सद्भावना यात्रा पर श्रीलंका पहुंचा भारतीय नौसैन्य जहाज 'रणविजय'
श्रीलंका-भारत में करीबी समुद्री व सुरक्षा सहयोग की कोशिशों के तहत भारतीय नौसेना का जहाज आईएनएस रणविजय तीन दिनी सद्भावना यात्रा पर श्रीलंका पहुंचा। भारतीय उच्चायोग ने कहा कि भारत-श्रीलंका रक्षा व सुरक्षा के क्षेत्र में पारंपरिक रूप से एक दूसरे का सहयोग करते रहे हैं।
इस जहाज की यात्रा दोनों पड़ोसी देशों के बीच नजदीकी समुद्री तथा सुरक्षा सहयोग को बढ़ावा देने की दिशा में एक और कदम है। बता दें, आईएनएस रणवजिय पनडुब्बी भेदी युद्धपोत है, जो निर्देशित मिसाइल विनाशक ले जाने में सक्षम है।
हरिहरन-सुरदर्शन में मुलाकात आज
श्रीलंका के अखबार कोलंबो गजट के अनुसार जहाज की कमान कैप्टन नायरायण हरिहरन के हाथों में है। वे बृहस्पतिवार को पश्चिमी नौसेना क्षेत्र के क्षेत्रीय कमांडर रियर एडमिरल डब्ल्यूडीईएम सुरदर्शन से मुलाकात करेंगे और भारतीय शांतिरक्षक स्मारक जाएंगे। भारत-श्रीलंका समझौते के तहत आईपीकेएफ ने 1987 से 1990 के बीच श्रीलंका के युद्धग्रस्त उत्तरी और पूर्वी क्षेत्रों में सेवाएं दी थीं।


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