विश्व
पाकिस्तान में लोगों का बुरा हाल, ईधन सब्सिडी खत्म, ज्यादा बढ़े पेट्रोल व डीजल की कीमतें
Gulabi Jagat
16 Jun 2022 12:59 PM GMT
![पाकिस्तान में लोगों का बुरा हाल, ईधन सब्सिडी खत्म, ज्यादा बढ़े पेट्रोल व डीजल की कीमतें पाकिस्तान में लोगों का बुरा हाल, ईधन सब्सिडी खत्म, ज्यादा बढ़े पेट्रोल व डीजल की कीमतें](https://jantaserishta.com/h-upload/2022/06/16/1700652-16062022-pakistanfuelprise22809766.webp)
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पाकिस्तान में लोगों का बुरा हाल
इस्लामाबाद, आइएएनएस। पाकिस्तान ने अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष के दबाव में अंतत: बुधवार को राजकोषीय घाटे को कम करने के लिए ईधन सब्सिडी को हटा दिया। पाकिस्तान के वित्त मंत्री मिफ्ताह इस्माइल ने इसका एलान करते हुए कहा कि सरकार पेट्रोलियम पदार्थो को अब और सब्सिडी देने की स्थिति में नहीं है। इसलिए इनकी कीमतें बढ़ाने का निर्णय लिया गया है। सरकार की घोषणा से पेट्रोल रिकार्ड 233.89 पाकिस्तानी रुपये, जबकि डीजल की कीमत 263.31 रुपये प्रति लीटर पहुंच गई है। ये दरें गुरुवार से लागू हो गई।
जियो न्यूज ने वित्त मंत्री इस्माइल के हवाले से कहा कि सरकार की मूल्य बढ़ोतरी की घोषणा से पेट्राल-डीजल के साथ ही केरोसिन की कीमत 211.43 रुपये और हल्के डीजल की कीमत 207.47 रुपये हो गई है। वित्त मंत्री ने प्रेसवार्ता की शुरुआत में पूर्ववर्ती सरकार की नीतियों की आलोचना करते हुए कहा कि उसने देश की आर्थिकी को बर्बाद कर दिया। प्रेसवार्ता में वित्त मंत्री इस्माइल के साथ पेट्रोलियम राज्यमंत्री मुस्ताक मलिक भी मौजूद थे।
उन्होंने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने जानबूझकर सब्सिडी देकर पेट्रोल के दाम कम किए थे। मौजूदा सरकार उनकी नीतियों का खामियाजा भुगत रही है। इस्माइल ने बताया कि सरकार पेट्रोल पर 24.03, डीजल पर 59.16 व केरोसिन पर 39.16 पाकिस्तानी रुपये का घाटा सह रही थी। उन्होंने कहा गत मई में यह घाटा 120 अरब रुपये पहुंच गया था। उल्लेखनीय है कि पिछले दिनों वित्त मंत्री ने कहा था कि अगर सरकार ने सब्सिडी देना बंद नहीं किया तो पाकिस्तान दिवालिया हो जाएगा।
पाकिस्तान ने 20 दिनों में तीसरी बार बढ़ाए पेट्रोल के दाम
पाकिस्तान ने 20 दिनों में तीसरी बार ईंधन की कीमतों में 29 प्रतिशत तक की वृद्धि की है और देश में ईंधन सब्सिडी को समाप्त कर दिया है। डान अखबार की रिपोर्ट के अनुसार, देश के वित्त मंत्री मिफ्ता इस्माइल ने बुधवार को यह घोषणा करते हुए कहा कि यह कदम राजकोषीय घाटे को कम करने और अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) से ऋण समर्थन को पुनर्जीवित करने के लिए है।
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