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बाबा माधोदास मंदिर 300 बाढ़ पीड़ित मुसलमानों को दे रहा है भोजन और सिर छुपाने की छत

Admin4
11 Sep 2022 6:46 PM GMT
बाबा माधोदास मंदिर 300 बाढ़ पीड़ित मुसलमानों को दे रहा है भोजन और सिर छुपाने की छत
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कराची: भीषण बाढ़ की मार झेल रहे पाकिस्तान में इस समय भयंकर तबाही मची हुई है। ऐसे मुश्किल भरे समय में बलूचिस्तान स्थित एक छोटे से गांव में बना एक हिंदू मंदिर बाढ़ से प्रभावित लगभग 300 मुसलमानों को भोजन और छत दे रहा है।

बताया जा रहा है कि बलुचिस्तान के कच्छी जिले के जलाल खान गांव में बाबा माधोदास मंदिर बाढ़ के पानी से अछूता है क्योंकि ये काफी ऊंचाई पर है। इस कारण यहां बाढ़ का पानी नहीं पहुंचा है और बाढ़ की मार झेल रहे ज्यादातर मुस्लिम परिवारों के लिए ये किसी वरदान से कम नहीं साबित हो रहा है।

पाकिस्तान के समाचार पत्र डॉन के मुताबिक जलाल खान गांव के आसपास का इलाका नारी, बोलन, और लहरी नदियों में आये बाढ़ के कारण बाकी प्रांतों से कट गये हैं, इसलिए इन दूरदराज इलाकों में बस बाबा माधोदास मंदिर का आसरा इनके पास था। बाबा माधोदास मंदिर की देखभाल करने वाले स्थानीय हिंदू समुदाय ने भी बाढ़ की गंभीर समस्या को समझते हुए प्रभावित लोगों और उनके पशुओं के लिए बाबा माधोदास मंदिर का परिसर खोल दिया।

जलाल खान गांव के लोग बताते हैं कि बाबा माधोदास मुल्क के विभाजन के पहले से यहां रह रहे थे, वो बहुत ही नामी हिंदू संत थे। जिनकी इज्जत हिंदुओं के साथ-साथ क्षेत्र के मुसलमान भी करते थे। लोग बताते हैं कि बाबा माधोदास अक्सर ऊंट पर यात्रा किया करते थे।

स्थानीय शख्स बुज़दार ने बाबा के बारे में कहा कि उनके माता-पिता कहा करते थे कि बाबा माधोदास सभी धार्मिक बंधनों से उपर उठ चुके थे और वो हिंदुओं के एक महान संत थे। बलूचिस्तान के जलाल खान गांव में बाबा के हिंदू उपासक ने उनकी पूजा स्थली को कंक्रीट से पक्का बनवा दिया। बाबा का मंदिर परिसर एक बड़े क्षेत्र को कवर करता है और चूंकि यह मंदिर एक ऊंचे स्थान पर है। इसलिए बाढ़ के पानी यहां नहीं पहुंचा।

समाचार पत्र डॉन की रिपोर्ट में बताया गया है कि जलाल खान गांव के अधिकांश हिंदू रोजगार और अन्य अवसरों के लिए अन्य शहरों में चले गए हैं, लेकिन कुछ परिवार अभी भी मंदिर की देखभाल के लिए इसके परिसर में रहते हैं। नारी तहसील के 55 साल के दुकानदार रतन कुमार इस समय मंदिर के रखरखाव के प्रभारी हैं।

उन्होंने समाचार पत्र डॉन को बताया कि बाबा माधोदास मंदिर में इस समय सौ से अधिक कमरे हैं क्योंकि हर साल बलूचिस्तान और सिंध से बड़ी संख्या में हिंदू तीर्थयात्री बाबा का दर्शन करने के लिए यहां आते हैं। मंदिर प्रभारी रतन कुमार के बेटे सावन कुमार ने कहा कि बाढ़ के कारण कुछ कमरों को नुकसान पहुंचा है लेकिन लेकिन कुल मिलाकर मंदिर परिसर पूरी तरह से सुरक्षित है।

जानकारी के अनुसार इस समय कम से कम 300 लोगों को, जिनमें ज्यादातर मुस्लिम हैं और उनके पशुओं को मंदिर परिसर में शरण मिली हुई है। हिंदू परिवार बाढ़ प्रभावित मुस्लिमों की सेवा और देखभाल कर रहा है। जलाल खान के डॉक्टर इसरार मुघेरी ने कहा मंदिर परिसर में चिकित्सा शिविर भी स्थापित किया है।

स्थानीय हिंदुओं ने बाढ़ प्रभावित मुसलमानों को लाउडस्पीकर से घोषणा करके मंदिर परिसर में रहने के लिए बुलाया और मंदिर परिसर में आने वाले सभी लोगों को भोजन भी दे रहे हैं। मालूम हो कि पाकिस्तान में बाढ़ से अब तक लगभग 1,400 लोग मारे गए हैं।

संयुक्त राष्ट्र प्रमुख एंतोनियो गुतारेस ने शनिवार को अंतरराष्ट्रीय समुदाय से अपील की कि वो बाढ़ प्रभावित पाकिस्तान को इस आपदा का सामना करने में मदद करें। वहीं पिछले हफ्ते भी संयुक्त राष्ट्र ने पाकिस्तान के लिए 160 मिलियन अमरीकी डालर की सहायता के लिए विश्व समुदाय के एक अपील की। जिसके बाद अमेरिका ने बाढ़ राहत के लिए 20 मिलियन अमरीकी डालर देने की घोषणा की थी।

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