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अजीबो-गरीब: इस अदालत ने 9 साल की बच्ची की मौत के लिए 'वायु प्रदूषण' को ठहराया दोषी

Neha Dani
17 Dec 2020 6:29 AM GMT
अजीबो-गरीब: इस अदालत ने 9 साल की बच्ची की मौत के लिए वायु प्रदूषण को ठहराया दोषी
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प्रदूषण पर होने वाली चर्चाओं के बीच लंदन की एक अदालत ने नौ साल की बच्ची की मौत के लिए वायु प्रदूषण को दोषी माना है.

प्रदूषण (Pollution) पर होने वाली चर्चाओं के बीच लंदन की एक अदालत ने नौ साल की बच्ची की मौत के लिए वायु प्रदूषण को दोषी माना है. कोर्ट ने अपने फैसले में कहा है कि प्रदूषण ने एल्ला कीसी देबराह (Ella Kissi-Debrah) के लिए स्थिति और ज्यादा विकट बना दी जिसके चलते उसकी मौत हुई. यह पहला मौका है जब यूके में प्रदूषण को किसी की मौत के लिए जिम्मेदार ठहराया गया है. पीड़ित परिवार ने इस संबंध में याचिका दायर करके न्याय की गुहार लगाई थी.

तीन सालों तक ज्यादा था पोल्लुशण



दरअसल, 2013 में 9 वर्षीय एल्ला कीसी देबराह (Ella Kissi-Debrah) की लंदन में अस्थमा के दौरे और सांस की तकलीफ के चलते मौत हो गई थी, जिसके लिए बढ़ते प्रदूषण (Pollution) को दोषी ठहराया गया है. इसकी वजह यह है कि देबराह के घर के पास लगातार तीन सालों तक वायु प्रदूषण लंदन के निर्धारित मानकों से काफी ज्यादा रहा.
क्या कहा Court ने?
मामले की सुनवाई के दौरान कॉरनर फिलिप बार्लो (Philip Barlow) ने कहा, 'वायु प्रदूषण ने एल्ला की मौत में अहम भूमिका निभाई. वह लगातार नाइट्रोजन डाइऑक्साइड के संपर्क में रही, जो विश्व स्वास्थ्य संगठन के मानक से कहीं ज्यादा स्तर पर था'. इससे पहले हुई एक जांच में कहा गया था कि एल्ला की मौत acute respiratory failure के चलते हुई.
'अब ठोस कदम उठाने चाहिए'
वहीं, लंदन के मेयर सादिक खान ने कहा कि वायु प्रदूषण एक बड़ी समस्या है. अदालत के फैसले से यह साफ हो गया है कि बढ़ता प्रदूषण किसी की जान भी ले सकता है. उन्होंने आगे कहा कि सरकार को इससे सबक लेकर ठोस कदम उठाने चाहिए, ताकि फिर किसी को उस पीड़ा से न गुजरना पड़ा, जिसका सामना देबराह परिवार ने किया है.
27 बार जाना पड़ा था Hospital
एल्ला की मां रोजमंड एल्ला ने अदालत में याचिका (Petition) दायर की थी. उन्होंने वायु प्रदूषण से मौत का हवाला देते हुए दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की थी. एल्ला कीसी देबराह को मौत से पहले 27 बार अस्पताल जाना पड़ा था. उन्हें सांस लेने में काफी तकलीफ हो रही थी. लोगों को उम्मीद है कि इस फैसले के बाद सरकार प्रदूषण पर महज चर्चा करने के बजाए ठोस कार्रवाई करेगी.


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